नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक भारतीय चिकित्सा के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए तीन प्रतिष्ठित चिकित्सकों को मौजूदा वर्ष के लिए राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार प्रदान किए।
इस वर्ष प्रतिष्ठित पुरस्कार के विजेताओं में प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य और लेखक तारा चंद शर्मा, छह दशकों की सेवा के साथ द्रव्यगुण विज्ञान के प्रतिष्ठित विद्वान वैद्य माया राम उनियाल और विश्व व्याकरणमाला राष्ट्रीय सम्मेलन के संस्थापक वैद्य समीर गोविंद जमदग्नि शामिल हैं।
प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक प्रशस्ति पत्र, भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा वाली एक ट्रॉफी और पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
आयुष मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को संरक्षित करते हुए समग्र स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने 20 फरवरी को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तीन प्रतिष्ठित वैद्यों को ये पुरस्कार प्रदान किए।
जाधव ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में भारत के अपार योगदान को दर्शाते हैं। इन दूरदर्शी लोगों ने दुनिया भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने में असाधारण समर्पण दिखाया है, जो आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के साथ पारंपरिक ज्ञान को एकीकृत करने के हमारे मिशन के पूरी तरह अनुरूप है।”
भाषा जोहेब ब्रजेन्द्र मनीषा
मनीषा
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