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Monday, 18 November, 2024
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सुब्रह्मण्यम स्वामी ने JEE परीक्षा के आयोजन को बताया असफल, शिक्षा मंत्री निशंक ने किया पलटवार

स्वामी ने आंकड़े पेश कर ये साबित करने की कोशिश की कि कैसे जेईई परीक्षाओं का आयोजन असफल रहा है. हालांकि, उन्होंने ट्वीट कर जो आंकड़े पेश किए उसे शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने खारिज कर दिया है.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की अपनी ही पार्टी से ठन गई है. पहले उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) की परीक्षाओं के मामले में अपनी पार्टी और सरकार के खिलाफ स्टैंड लिया और अब वो पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को आड़े हाथों ले रहे हैं.

स्वामी ने आंकड़े पेश कर ये साबित करने की कोशिश की कि कैसे जेईई परीक्षाओं का आयोजन असफल रहा है. हालांकि, उन्होंने ट्वीट कर जो आंकड़े पेश किए उसे शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने खारिज कर दिया है.

बुधवार शाम 5 बजकर 15 मिनट पर किए गए एक ट्वीट में स्वामी ने लिखा, ‘मेरे पास इसके आंकड़े हैं कि पिछले हफ्ते कितने छात्रों ने जेईई की परीक्षा में हिस्सा लिया. जिन 18 लाख छात्रों ने पास (डाउन) लोड किया उनमें से महज़ 8 लाख परीक्षा देने पहुंचे. ये उस देश के लिए शर्म की बात है जो विद्या और ज्ञान का दम भरता है.’

इसके जवाब में बुधवार रात 10 बजकर 42 मिनट पर किए गए ट्वीट में शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने लिखा कि वो जेईई की परीक्षाओं को लेकर स्वामी के सामने कुछ तथ्य पेश करना चाहेंगे. शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि स्वामी द्वारा दिया गया 18 लाख का आंकड़ा गलत है. उन्होंने बताया कि जेईई (मेंस) के लिए कुल 8.58 लाख छात्रों ने आवेदन किया था.

आगे की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने लिखा, ‘8.58 लाख छात्रों में से 6.35 लाख छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया. केंद्र और राज्य सरकारों ने छात्रों को हर संभव मदद मुहैया कराई, जिसके लिए मैं राज्य सरकारों की भी सराहना करता हूं. इस पूरे प्रयास ने सहयोगी संघवाद की भावना को प्रदर्शित किया.’

शिक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि ये परीक्षा साल में दो बार होती है और पिछली परीक्षा जनवरी में हुई थी. उन्होंने तर्क दिया कि कई छात्र जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए, ऐसा संभव है कि जनवरी वाली परीक्षा में उन्होंने बेहतर किया हो और उन्हें इस बार परीक्षा देने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई हो. उन्होंने कहा, ‘हम उन (परीक्षा नहीं देने वाले) नंबरों का भी पता लगा रहे हैं.’

शिक्षा मंत्री का तर्क है कि परीक्षा में और देर करना छात्रों के कॉलेजों में दाखिला लेने के हित में नहीं होता. मोदी सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा, ‘हमारी एनडीए सरकार छात्रों के हित और उनकी सुरक्षा को लेकर हमेशा तत्पर रही है. हम हमेशा अपने युवाओं के हित में काम करेंगे.’

स्वामी ने इन परीक्षाओं से जुड़े विरोध के सुर में सुर मिलाते हुए 21 अगस्त को एक ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने लिखा, ‘अगर ये परीक्षाएं होती हैं तो (छात्रों की) आत्महत्याएं होंगी.’ इसके स्थगन के लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखने और शिक्षा मंत्री से बात करने का हवाला दिया था. लेकिन जेईई की परीक्षाएं तय समय पर संपन्न हुईं.

शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों की मानें तो कोविड-19 के मरीज़ों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंचे भारत में महामारी को दरकिनार कर 1 से 6 सितंबर के बीच कराई गई ये परीक्षा लगभग सफल रही. अब नीट यूजी 2020 की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है.

जेईई की परीक्षा के जरिए इंजीनियरिंग और नीट की परीक्षा के जरिए मेडिकल में दाखिला मिलता है.


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