नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की अपनी ही पार्टी से ठन गई है. पहले उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) की परीक्षाओं के मामले में अपनी पार्टी और सरकार के खिलाफ स्टैंड लिया और अब वो पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को आड़े हाथों ले रहे हैं.
स्वामी ने आंकड़े पेश कर ये साबित करने की कोशिश की कि कैसे जेईई परीक्षाओं का आयोजन असफल रहा है. हालांकि, उन्होंने ट्वीट कर जो आंकड़े पेश किए उसे शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने खारिज कर दिया है.
बुधवार शाम 5 बजकर 15 मिनट पर किए गए एक ट्वीट में स्वामी ने लिखा, ‘मेरे पास इसके आंकड़े हैं कि पिछले हफ्ते कितने छात्रों ने जेईई की परीक्षा में हिस्सा लिया. जिन 18 लाख छात्रों ने पास (डाउन) लोड किया उनमें से महज़ 8 लाख परीक्षा देने पहुंचे. ये उस देश के लिए शर्म की बात है जो विद्या और ज्ञान का दम भरता है.’
I just accurate count on how many students took the JEE exams this last week: out 18 lakhs who down loaded passes only 8 lakhs turned up to take up the exam. What a disgrace for the nation which extols vidhya and gyan!!
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 9, 2020
इसके जवाब में बुधवार रात 10 बजकर 42 मिनट पर किए गए ट्वीट में शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने लिखा कि वो जेईई की परीक्षाओं को लेकर स्वामी के सामने कुछ तथ्य पेश करना चाहेंगे. शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि स्वामी द्वारा दिया गया 18 लाख का आंकड़ा गलत है. उन्होंने बताया कि जेईई (मेंस) के लिए कुल 8.58 लाख छात्रों ने आवेदन किया था.
Dr. @Swamy39 Ji, I would like to place some facts on the record regarding #JEE(Main) exams.
The number of applicants for #JEEMains stands at 8.58 lakhs, not 18 lakhs as you tweeted. https://t.co/e9hQLRFIs4— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) September 9, 2020
आगे की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने लिखा, ‘8.58 लाख छात्रों में से 6.35 लाख छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया. केंद्र और राज्य सरकारों ने छात्रों को हर संभव मदद मुहैया कराई, जिसके लिए मैं राज्य सरकारों की भी सराहना करता हूं. इस पूरे प्रयास ने सहयोगी संघवाद की भावना को प्रदर्शित किया.’
शिक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि ये परीक्षा साल में दो बार होती है और पिछली परीक्षा जनवरी में हुई थी. उन्होंने तर्क दिया कि कई छात्र जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए, ऐसा संभव है कि जनवरी वाली परीक्षा में उन्होंने बेहतर किया हो और उन्हें इस बार परीक्षा देने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई हो. उन्होंने कहा, ‘हम उन (परीक्षा नहीं देने वाले) नंबरों का भी पता लगा रहे हैं.’
शिक्षा मंत्री का तर्क है कि परीक्षा में और देर करना छात्रों के कॉलेजों में दाखिला लेने के हित में नहीं होता. मोदी सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने लिखा, ‘हमारी एनडीए सरकार छात्रों के हित और उनकी सुरक्षा को लेकर हमेशा तत्पर रही है. हम हमेशा अपने युवाओं के हित में काम करेंगे.’
Any further delay of the exams would not have been in the interest of our hardworking students & their plans for college admissions. Our NDA Government has always been unwavering regarding student welfare & student safety. We will always work for the interests of our youth.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) September 9, 2020
स्वामी ने इन परीक्षाओं से जुड़े विरोध के सुर में सुर मिलाते हुए 21 अगस्त को एक ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने लिखा, ‘अगर ये परीक्षाएं होती हैं तो (छात्रों की) आत्महत्याएं होंगी.’ इसके स्थगन के लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखने और शिक्षा मंत्री से बात करने का हवाला दिया था. लेकिन जेईई की परीक्षाएं तय समय पर संपन्न हुईं.
शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों की मानें तो कोविड-19 के मरीज़ों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंचे भारत में महामारी को दरकिनार कर 1 से 6 सितंबर के बीच कराई गई ये परीक्षा लगभग सफल रही. अब नीट यूजी 2020 की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है.
जेईई की परीक्षा के जरिए इंजीनियरिंग और नीट की परीक्षा के जरिए मेडिकल में दाखिला मिलता है.
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