नई दिल्ली : लोकसभा ने शुक्रवार को खान और खनिज (विभाग और नियमन) संशोधन बिल 2023 पास कर दिया है. यह बिल खान और खनिज (विभाग और नियमन) एक्ट 1957 में संशोधन करेगा. यह खनन सेक्टर को रेग्युलेट करने वाला विधेयक है. इस बिल को कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में विचार व पास करने के लिए पेश किया.
इस बीच, विपक्षी सदस्य अपनी बेंचों से लगातार मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी, शोर-शराबा करते रहे, जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा शुक्रवार को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.
इससे पहले, 11 बजे सदन को बुलाए जाने के बाद विपक्षी दल के सदस्यों द्वारा सूचीबद्ध कार्यों को अलग रखकर मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित होने पर निचले सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
मणिपुर और केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लगातार जारी शोर-शराबे के बीच दोनों सदनों को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
सत्र के शुक्रवार को दोबारा शुरू होने पर, लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने तत्काल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की, जिसे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पेश किया है और स्पीकर ओम बिरला ने इसे स्वीकार किया है.
निचले सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर अध्यक्ष ने प्रश्नकाल बुलाया, लेकिन विपक्षी दल के सदस्यों ने मणिपुर और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित करना जारी रखा.
1978 के पूर्व के निर्णय का जिक्र करते हुए कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उस समय निचले सदन में जिस दिन यह पेश हुआ था और स्वीकार किया गया था तब चर्चा की इजाजत दी गई थी.
इस बीच, संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को इस बात को दोहराया कि विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन स्पीकर द्वारा समय और तारीख तय होने दीजिए, उन्होंने कहा कि नियम, इस पर चर्चा के लिए 10 दिन की अवधि का प्रावधान करता है.
स्पीकर ने इस दौरान शोर-शराबे के कारण सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
इससे पहले, बुधवार को स्पीकर ओम बिरला ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जिसे कांग्रेस सांसद ने विपक्ष की तरफ से पेश किया था.
इस बीच, विपक्षी सदस्यों के मणिपुर को लेकर हंगामे के कारण राज्यसभा को भी दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया.
सत्र के दौरान, उच्च सदन ने विनय दीनू के योगदान को याद किया, जो कि शुक्रवार को रिटायर हुए हैं.
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