मुंबई, पांच जून (भाषा) मुंबई की एक सत्र अदालत ने मीठी नदी से गाद निकालने में हुए 65 करोड़ रुपये से अधिक के ‘घोटाले’ में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किए गए एक बिचौलिए को जमानत दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन. जी. शुक्ला ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जय जोशी की जमानत याचिका मंजूर कर ली।
मजिस्ट्रेट अदालत से जमानत खारिज होने के बाद जोशी ने सत्र अदालत का रुख किया था।
आरोपी ने अपने अधिवक्ता यूसुफ इकबाल और जैन श्रॉफ के माध्यम से दलील दी थी कि उसका इस घोटाले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि उसका बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) से कोई सीधा संबंध नहीं है।
अधिवक्ताओं ने कहा कि जोशी केवल मशीन आपूर्तिकर्ता थे और उन्होंने नीदरलैंड से मशीनें आयात की थीं।
बचाव पक्ष ने कहा कि जोशी ने मार्च-अप्रैल 2021 में आठ करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत में मशीनें खरीदकर निजी पट्टा अनुबंधों के माध्यम से ठेकेदारों को पट्टे पर दी थीं। उन्होंने कहा कि सभी व्यापारिक लेनदेन का कर अधिकारियों के समक्ष विधिवत खुलासा किया गया था।
हालांकि, अभियोजन पक्ष ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र करने का काम जारी है।
पुलिस ने कहा कि अगर आरोपी को जमानत दी जाती है, तो वह इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जोशी की जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
अदालत ने जोशी से कहा कि वह बुलाने पर आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष पेश हों और सबूतों से छेड़छाड़ न करें।
विस्तृत आदेश अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।
मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने महानगर से होकर बहने वाली मीठी नदी से गाद निकालने से संबंधित 65 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के लिए ठेकेदारों और नगर निगम अधिकारियों समेत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भाषा जोहेब धीरज
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