नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा पिछले छह महीनों में भारत-चीन सीमा पर किसी भी तरह की घुसपैठ की सूचना नहीं मिली है. लेकिन जुलाई तक भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ के 47 मामले दर्ज किए गए थे.
राज्य के गृह (गृह) मंत्री नित्यानंद राय ने भाजपा नेता डॉ अनिल अग्रवाल के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘पिछले छह महीनों के दौरान भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है.’
जुलाई तक पाकिस्तान से घुसपैठ के संबंध में दिप्रिंट द्वारा एक्सेस किए गए लिखित उत्तर में डेटा साझा करते हुए राय ने कहा कि घुसपैठ के अधिकतम 24 प्रयास अप्रैल में किए गए थे.
फरवरी में एक भी प्रयास नहीं हुआ है. जबकि मार्च में 4 प्रयास दर्ज किए गए और मई में 8 प्रयास दर्ज किए गए. वहीं, जून में फिर से शून्य प्रयास हुए और जुलाई में पाकिस्तान से 11 ऐसे प्रयास किए गए जो आंकड़ों से पता चला है. हालांकि, जनवरी के आंकड़े नहीं थे.
राय ने इस मामले से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने ‘सीमा पार से घुसपैठ करने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है.’
राय ने कहा, सरकार ने सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें इंटर एलिया में अंतर्राष्ट्रीय सीमा / नियंत्रण रेखा के साथ बहु-स्तरीय तैनाती, बेहतर खुफिया और परिचालन समन्वय सीमा बाड़ लगाना, तकनीकी समाधानों को तैनात करना और सक्रिय लेना शामिल है. घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की है.
‘जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ कम ‘
राय द्वारा घुसपैठ पर साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2018 और 2019 की तुलना में जम्मू-कश्मीर में सफल अनुमानों के क्रॉस ओवर पार करने के प्रयास कम हो गए हैं.
2018 में, पाकिस्तान से भारत में 328 प्रयास किए गए और 143 अनुमानित घुसपैठ हुए. यह 2019 में कम हो गया, जिसमें 210 प्रयास और 141 अनुमानित घुसपैठ थे.
2020 में, 9 जुलाई तक घुसपैठ की 47 कोशिशें हुईं और 28 घुसपैठें पाकिस्तान से हुईं हैं.
राय ने राज्यसभा को बताया, कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन (सीएएसओ) सहित सभी आवश्यक सावधानी और निवारक कदम, सुरक्षा बलों द्वारा सक्रिय तरीके से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए किए गए हैं.
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इस वर्ष अधिक आतंकवादी मारे गए
राय द्वारा राज्यसभा के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में 2020 तक मारे गए आतंकवादियों की संख्या पूरे 2019 में मारे गए आतंकवादियों की संख्या से अधिक थी.
आंकड़ों से पता चला कि 2019 में 157 आतंकवादी मारे गए और 2020 में जुलाई तक 168 आतंकवादी मारे गए. 2018 में, 257 आतंकवादी मारे गए थे.
इसके अलावा, आंकड़ों के अनुसार 2018 में, 17 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था. 2019 में यह आंकड़ा 20 था और 2020 तक, जुलाई तक 9 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है.
आंकड़ों से यह भी पता चला कि 2018 में जम्मू-कश्मीर में सेना के 37 जवानों की जान चली गई. 2019 में 21 जवान मारे गए और 2020 में 18 जवानों की जान चली गई.
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