मुंबई, 15 जून (भाषा) राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को किनारे रखते हुए देशभर के विधानमंडलों के करीब 2,000 सदस्य विधानसभा और विधानपरिषद के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए यहां एकत्र हुए।
प्रथम नेशनल लेजीस्लेटर्स कांफ्रेंस भारत (एनएलसी भारत) यहां बृहस्पतिवार से शुरू हुई,जिसमें प्रौद्योगिकी चालित आर्थिक वृद्धि, विधि निर्माण में अंतरराष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ परंपराओं को अपनाने, कल्याणकारी राजनीति और निर्वाचन क्षेत्रों का विकास करने सहित विभिन्न मुद्दों पर विधानसभाओं और विधानपरिषदों के पीठासीन अधिकारी चर्चा करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा तीन दिवसीय सम्मेलन का औपचारिक रूप से उद्घाटन करने का कार्यक्रम है।
यह चर्चा 10 समानांतर सत्रों में होगी, जिसमें विधानमंडलों के 50 सदस्य वरिष्ठ सदस्यों के मार्गदर्शन में तनाव प्रबंधन और कार्य-जीवन संतुलन सहित अन्य विषयों पर गहन मंथन करेंगे।
पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ‘टेल ऑफ द टॉल’ पूर्ण सत्र में अपने राजनीतिक सफर के अनुभव साझा करेंगे।
सम्मेलन में एपीजे अब्दुल कलाम प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें आजादी के 75 वर्ष को प्रदर्शित किया जाएगा।
एनएलसी के संयोजक राहुल कराड ने कहा, ‘‘सम्मेलन सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के विधानमंडल सदस्यों के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगा, जहां वे शासन और समाज कल्याण पर अपने अनुभव साझा करेंगे तथा बेहतर शासन के प्रभावी तरीकों को अपनाएंगे।’’
सम्मेलन का आयोजन एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट ने भारतीय छात्र संसद की साझेदारी में आयोजित किया है।
भाषा सुभाष पवनेश
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