श्रीनगर, 28 मई (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने नवंबर 2021 में मुठभेड़ में मारे गए आमिर मागरे के शव को निकालकर अंतिम संस्कार के लिये परिवार को सौंपने के जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के आदेश का शनिवार को स्वागत किया। मागरे को आतंकवादी बताया गया था।
हालांकि, महबूबा ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को अपने बच्चों के शव हासिल करने के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
महबूबा ने पुलवामा में पत्रकारों से कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे लोगों को अपने बच्चों के शव हासिल करने के लिये अदालतों का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अदालत के निर्देशों के कारण ही हम अपने बच्चों के शव हासिल कर पाए हैं। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है? लेकिन, फिर भी, मुझे खुशी है कि अदालत ने मानवता की खातिर निर्देश जारी किये और मैं इसका स्वागत करती हूं। ”
पीडीपी अध्यक्ष पार्टी के युवा नेता वहीद पारा के घर गई थीं, जिन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में 18 महीने की हिरासत के बाद जमानत पर रिहा किया गया था।
न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने शुक्रवार को 13 पृष्ठ के आदेश में कहा कि आमिर मागरे का शव निकालकर अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार को सौंपा जाए।
गौरतलब है कि 15 नवंबर, 2021 को श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपुरा में मारे गए चार लोगों में मागरे भी शामिल था। पुलिस ने उन सभी के आतंकवादी होने का दावा किया था और उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में शवों को दफना दिया था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फैसला किया था कि वह ”आतंकवादियों” के शवों को परिवार के सदस्यों को नहीं सौंपेगी और कानून-व्यवस्था बिगड़ने के डर के चलते उन्हें अलग-अलग जगहों पर दफनाया जाएगा।
हालांकि, मुठभेड़ की सच्चाई को लेकर सार्वजनिक आक्रोश के बाद, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने दबाव में आकर दो लोगों अल्ताफ अहमद भट और डॉ. मुदासिर गुल के शवों को निकालकर उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया था।
भाषा जोहेब दिलीप
दिलीप
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