श्रीनगर: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की दूसरी वर्षगांठ पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब लोगों पर ‘घोर अन्याय’ किया गया तो उनके पास ‘वजूद बनाए रखने के लिए इसका विरोध’ के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘कोई शब्द या तस्वीरें दो साल पहले इस काले दिन पर जम्मू कश्मीर की पीड़ा, उत्पीड़न और उथल पुथल को दर्शाने के लिए पर्याप्त नहीं है. जब निरंकुश उत्पीड़न किया जाता है और घोर अन्याय किया जाता है तो वजूद बनाए रखने के लिए विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता.’
No words or pictures are enough to depict the pain, torment & upheaval inflicted upon J&K on this black day two years ago. When unbridled oppression is unleashed & gross injustice heaped there is no other choice but to resist to exist. pic.twitter.com/xjVW3By6cl
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2021
गौरतलब है कि केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया.
मुफ्ती और उनकी पीडीपी दो साल पहले केंद्र के कदम का विरोध करने में काफी मुखर रही है.
जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के खुर्शीद आलम ने कहा, ‘पांच अगस्त जम्मू कश्मीर के इतिहास में हमेशा मील का एक नकारात्मक पत्थर रहेगा. यह जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए एक राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक झटका था.’
राजनीतिक दलों ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष जारी रखने की बात दोहराई
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कांफ्रेंस और अपनी पार्टी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से जम्मू कश्मीर में अनुच्छेछ 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद उसके द्वारा हासिल की गयी उपलब्धियों को लेकर सवाल किया और राज्य के पिछले विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखने की बात दोहराई.
हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी पर निशाना साधा जिन्होंने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए आंदोलन शुरू करने घोषणा की है.
जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर इन दलों ने सवाल किया कि क्या भाजपा सरकार ने आतंकवाद का सफाया कर दिया, नौकरियां सृजित कीं और घाटी में कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास करा लिया.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पांच अगस्त को देश के संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक इतिहास में काला दिवस बताया और कहा कि 2019 में उठाए गए कदम से न केवल लोगों का विश्वास टूटा बल्कि पिछले राज्य का मुद्दा और जटिल हो गया.
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने बुधवार को कहा कि पांच अगस्त को राज्य के इतिहास में ‘काला दिवस’ और ‘अशक्तीकरण’ वाले दिन के तौर पर याद किया जाएगा.
पार्टी प्रवक्ता अदनान अशरफ मीर ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘पांच अगस्त को अशक्तीकरण के दिन के तौर पर देखा जाएगा और जम्मू-कश्मीर के लोगों ने जो अपमान सहा है, यह उसकी याद दिलाता रहेगा.’