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मंगलवार, 22 अप्रैल, 2025
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महबूबा मुफ्ती ने नासिक में दरगाह को ढहाने पर उच्चतम न्यायालय की रोक का स्वागत किया

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श्रीनगर, 19 अप्रैल (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने नासिक में हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह को ढहाने पर उच्चतम न्यायालय की रोक का शनिवार को स्वागत किया और कहा कि न्यायपालिका संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना को कायम रखने में सक्षम अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण संस्था है।

मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नासिक दरगाह ढहाये जाने पर उच्चतम न्यायालय की रोक, एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है, जो बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई के लिए समय निर्धारित करने में विफल रहने के मद्देनजर आया है। इस देरी ने स्थानीय प्रशासन को दरगाह के हिस्से को ध्वस्त करने का मौका प्रदान किया, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया।’’

उच्चतम न्यायालय ने हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह को ढहाने संबंधी नासिक नगर निकाय के नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी है और दरगाह की याचिका को सूचीबद्ध न करने पर बंबई उच्च न्यायालय से रिपोर्ट मांगी है।

पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि ये दरगाहें केवल भौतिक संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक स्थान हैं, जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों की साझा श्रद्धा है।

मुफ्ती ने कहा, ‘‘ये भारत की विविधता में एकता के लोकाचार के जीवंत प्रमाण हैं, एक ऐसा विचार जिसे उन विभाजनकारी और सांप्रदायिक ताकतों से खतरा है, जो देश के बारे में गोडसे के दृष्टिकोण को पुनर्जीवित करना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस माहौल में, न्यायपालिका शायद आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण संस्था है जो भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष और समावेशी भावना को बनाए रखने में सक्षम है। उच्चतम न्यायालय की समय पर की गई कार्रवाई आशा प्रदान करती है, न्याय और बहुलवाद की रक्षा में कानून के शासन की भूमिका को मजबूत करती है।’’

भाषा अमित देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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