श्रीनगर, तीन मई (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी की सांप्रदायिक सद्भाव की अपील की सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि देश को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
हिमांशी नरवाल की टिप्पणी ‘‘मैं नहीं चाहती कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना बनाएं’’ का जिक्र करते हुए महबूबा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना जैसे हमले बिना समर्थन के नहीं हो सकते।
मीडिया को दिए साक्षात्कार में नेकां प्रमुख ने कहा था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि ये चीजें तब तक हो सकती हैं जब तक कोई उनकी मदद न करे। वे (आतंकी) वहां (पाकिस्तान) से आए हैं। वे कैसे आए?’’
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि अब्दुल्ला की टिप्पणी न केवल ‘‘भ्रामक’’ है, बल्कि ‘‘घातक’’ भी है, खासकर ऐसे समय में जब पहलगाम की घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के छात्र और व्यापारी अत्यधिक असुरक्षित हैं और उन पर हमले का खतरा है।
महबूबा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले में कश्मीरियों की संलिप्ता वाला फारूक साहब का बयान बेहद परेशान करने वाला और खेदजनक है। एक कश्मीरी और वरिष्ठ नेता के रूप में उनके बयान से विभाजनकारी विमर्श को बढ़ावा मिलने का खतरा है, जिससे कुछ मीडिया चैनलों को कश्मीरियों तथा मुसलमानों को और अधिक बदनाम करने का मौका मिल रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें हिमांशी नरवाल से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने अपने पति की शहादत के बावजूद भारतीयों से कश्मीरियों या मुसलमानों को दोष न देने और निशाना न बनाने का आग्रह किया।’’
पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जिन लोगों ने उनके पति की हत्या की है, उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए लेकिन इसकी वजह से मुस्लिमों और कश्मीरियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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