मंगलुरु (कर्नाटक), 16 मई (भाषा) केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को युवाओं से भारत को स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा और योग को अपनाने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने दक्षिण कन्नड़ जिले के उजिरे कस्बे में स्थित एसडीएम कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज में आयोजित तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया।
इंडियन नेचुरोपैथी एंड योग ग्रेजुएट मेडिकल एसोसिएशन और आयुष मंत्रालय के सहयोग से कॉलेज द्वारा आयोजित इस पांच दिवसीय सम्मेलन का मुख्य विषय था- ‘‘शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमताएं’’।
मेघवाल ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अत्यधिक उपकरणों के उपयोग के प्रतिकूल प्रभावों का मुकाबला करने के लिए ‘डिजिटल डिटॉक्स’ की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति के पांच तत्व – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – मानव शरीर में भी प्रतिबिंबित होते हैं।
मेघवाल ने कहा कि आधुनिक युग में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अत्यधिक उपकरणों के उपयोग के प्रतिकूल प्रभावों का मुकाबला करने के लिए ‘डिजिटल डिटॉक्स’ आवश्यक है जिसे देखते हुए युवाओं को प्राकृतिक चिकित्सा और योग को अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर एसडीएम एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष वीरेंद्र हेगड़े ने स्वास्थ्य के लिए उपवास, संतुलित नींद और आहार जैसे जीवनशैली के अनुशासन पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सच्चा उपचार आत्म-जागरूकता और प्रकृति के साथ सामंजस्य से शुरू होता है।’’
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू.टी. खादर ने प्राकृतिक चिकित्सा को प्राचीन भारतीय परंपराओं का एक उपहार बताया और दावा किया कि 90 प्रतिशत बीमारियों का इलाज प्रकृति-आधारित प्रथाओं के माध्यम से किया जा सकता है। उन्होंने चिकित्सा विशेषज्ञों से भारत की जैव विविधता में निहित वैकल्पिक दवाओं पर शोध करने का आग्रह किया और दैनिक जीवन में योग की भूमिका पर जोर दिया।
इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में 300 प्रतिनिधियों और 10,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
भाषा इन्दु सुरभि
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