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बुधवार, 4 जून, 2025
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मेघालय संवेदनशील इलाकों में सीमा चौकियां स्थापित करेगा: मुख्यमंत्री कोनराड संगमा

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शिलॉंग/दिफू, 28 नवंबर (भाषा) मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार असम से लगी अंतर-राज्यीय सीमाओं के साथ संवेदनशील क्षेत्रों में सीमा चौकियों की स्थापना करेगी।

एक सप्ताह पहले सीमावर्ती क्षेत्र में हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री ने शिलॉंग में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें जयंतिया हिल्स के स्थानीय विधायक शामिल हुए। इन विधायकों को 22 नवंबर को मुकरोह में गोलीबारी की घटना के बाद राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई और भविष्य के कदमों के बारे में जानकारी दी गई। मुकरोह में गोलीबारी की घटना में पांच ग्रामीणों और असम के एक वन रक्षक की मौत हो गई थी।

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘‘नेताओं को सूचित किया गया कि संवेदनशील क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली विभिन्न सीमा चौकियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वालों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।’’

संगमा ने मृतकों के सम्मान में कुछ पल का मौन रखा। उन्होंने कहा, ‘‘मुकरोह गोलीबारी की घटना मेघालय राज्य के लिए निजी क्षति है। मैंने सभी दलों के नेताओं से अपील की है कि वे सामान्य स्थिति की बहाली सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें और राज्य में आगे कोई हिंसा न हो।’’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस ने पिछले हफ्ते शिलॉंग सिविल अस्पताल के अंदर मारपीट और डराने-धमकाने की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की हिंसक हरकतें अस्वीकार्य हैं। दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।’’

इस बीच, राज्य सरकार ने 22 नवंबर को मुकरोह में हुई गोलीबारी से प्रभावित खासी जयंतिया हिल्स क्षेत्र में सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को रोकने के आदेश को सोमवार को वापस ले लिया।

असम-मेघालय सीमा से लगे विवादित क्षेत्र में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं। हिंसा वाले स्थान और आसपास के इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंध भी जारी है। वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले के पास मेघालय के मुकरोह गांव में हिंसा भड़क उठी थी, जब असम के वन रक्षकों द्वारा कथित रूप से अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को रोका गया था।

मेघालय और असम दोनों ने दावा किया है कि हिंसा की घटना उनके संबंधित क्षेत्रों में हुईं। यह क्षेत्र असम के वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में खेरोनी वन रेंज के पास मकोइलम गांव और मेघालय के वेस्ट जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह में पड़ता है।

असम में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। भारी सुरक्षा के साथ आवाजाही पर प्रतिबंध अभी भी लागू है, लेकिन ग्रामीणों के काम पर जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

सभी पेट्रोलियम उत्पादों के टैंकर सहित असम से मेघालय तक वाहनों की सामान्य आवाजाही रविवार से फिर से शुरू हो गई। गुवाहाटी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने रविवार को यात्रा परामर्श वापस ले लिया और अब वाहनों का सामान्य आवागमन हो रहा है। हमें मेघालय में कहीं से भी गड़बड़ी या हमले की कोई सूचना नहीं मिली है।’’

असम के दिफू में, स्वायत्त राज्य मांग समिति (एएसडीसी), कार्बी निम्सो चिंगथुर असोंग (केएनसीए) और कार्बी स्टूडेंट्स एसोसिएशन (केएसए) के नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पोत परिवहन, जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और लोकसभा सदस्य होरेन सिंग बे से मुलाकात की तथा उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें सीमा विवादों को सुलझाने के लिए केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की गई। तीनों प्रभावशाली कार्बी संगठनों के नेताओं ने कहा कि वेस्ट कार्बी आंगलोंग के जिला मुख्यालय हैमरेन में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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