शिलांग, 30 सितंबर (भाषा) मेघालय सरकार ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें सोहरा में दशकों पुराने भूमि विवाद का निपटारा, नये सेवा नियमों और मानक संचालक प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी देना और कागज रहित शासन की शुरुआत के लिए एक प्रणाली शुरू करना शामिल है।
मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने वाले मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने संवाददाताओं को बताया कि सोहरा सिविल उप-मंडल के सैत्सोपेन में 128 एकड़ विवादित भूमि हिमा सोहरा के ‘इलाका’ (पूर्वी खासी हिल्स जिले में सोहरा के आदिवासी प्रमुख के अधिकार क्षेत्र में एक प्रशासनिक इकाई) को सौंप दी जाएगी, जबकि शेष भूमि सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के पास रहेगी।
यह कदम उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसॉन्ग की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिशों के बाद उठाया गया है, जिसने एक साल से अधिक समय तक हितधारकों के साथ बातचीत की थी।
यह विवाद ब्रिटिश काल से चला आ रहा है, जिसमें ‘इलाका’ ऐतिहासिक अभिलेखों और कब्जे के आधार पर स्वामित्व का दावा करता है।
संगमा ने कहा, ‘‘इस फैसले से, उम्मीद है कि क्षेत्र और सामान्य प्रशासन विभाग के बीच लंबे समय से लंबित मुद्दा सुलझ जाएगा।’’
मंत्रिमंडल ने हाल ही में उद्घाटन किए गए ताराघर राज्य अतिथि गृह के संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को भी मंजूरी दी और मेघालय डायरेक्ट्रोरेट एंड डिस्ट्रिक्ट ड्राइवर्स सर्विस रूल्स, 2025 को मंजूरी दी।
संगमा ने कहा कि नये नियम आवश्यक थे क्योंकि ये कर्मचारियों की भर्ती और पदोन्नति को सीधे प्रभावित करते हैं।
डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए, राज्य सरकार ने ई-कैबिनेट प्रणाली भी शुरू की, जो मंत्रियों को एजेंडा, दस्तावेजों और पिछले कैबिनेट फैसलों की ऑनलाइन समीक्षा करने की अनुमति देगी।
अधिकारियों ने कहा कि यह मंच इलेक्ट्रॉनिक अनुमोदन की सुविधा प्रदान करता है और इसका उद्देश्य कैबिनेट बैठकों को पूरी तरह से कागज रहित बनाना है।
भाषा अमित रंजन
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