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Thursday, 25 April, 2024
होमदेशपुलवामा के फिदायीन हमले के बाद प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट कमीटी की बैठक शुरू

पुलवामा के फिदायीन हमले के बाद प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट कमीटी की बैठक शुरू

जम्मू एवं कश्मीर राजमार्ग पर गुरुवार को हुए फिदायीन हमले में अभी तक 40 से अधिक जवानों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है. जबकि दर्जनों जवान घायल हैं.

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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आतंकी हमले में अभी तक कम से कम 40 जवानों के मारे जाने की पुष्टि की गई है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि दो घायल जवानों के दम तोड़ने के बाद मृतकों की संख्या 40 हो गई. वहीं, 38 जवान घायल हैं.

सीआरपीएफ ने जवानों की एक लिस्ट जारी की है जिसमें 40 जवानों के नाम दिए गए हैं. इस आतंकी हमले की चौतरफा निंदा हो रही है. लोगों में गुस्सा फूट रहा है. वहीं आज सुबह नौ बजे से प्रधानमंत्री आवास सात लोक कल्याण मार्ग पर सुरक्षा के मद्देनजर बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल सहित कई नेता सुरक्षा पर हो रही कैबिनेट कमीटी की मीटिंग में शामिल हैं. इस मीटिंग के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हो जाएंगे.


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बता दें कि कल हुए आत्मघाती हमले में अभी तक करीब 39 जवानों के मारे जाने की पुष्ट सीआरपीएफ ने कर दी है. इस हमले की निंदा अमेरिका, फ्रांस, रूस, बांग्लादेश सहित कई देशों ने की है. अमेरिका ने कड़ी निंदा करते हुए लिखा है कि इस बर्बर पूर्ण आतंकी हमला जो पाकिस्तान आधारित आतंकी समूह है उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं.

अमेरिकी प्रेस सेक्रेटरी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि इस हमले में 40 से अधिक जवान के मारे जाने और 44 से अधिक के घायल हुए हैं, इस घड़ी में हम भारत के लोगों, भारत सरकार और मरने वालों के परिवार के साथ हैं. वहीं श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी आतंकी हमले की भर्त्सना की है.

पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर यह हमला गुरुवार 3.15 बजे हुआ. जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया.जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से यह सबसे भयावह आतंकी हमला है.

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