पुणे, 12 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला शाखा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेधा कुलकर्णी पार्टी द्वारा ”दरकिनार” किये जाने पर निराशा व्यक्त करने के अगले ही दिन शनिवार को पुणे में एक नए फ्लाईओवर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुईं।
कुलकर्णी ने 2014 से 2019 तक भाजपा विधायक के रूप में कोथरुड विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। किंतु उन्हें 2019 चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह वहां से भाजपा के तत्कालीन महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकात पाटिल को टिकट दिया गया और उन्होंने चुनाव जीता।
कुलकर्णी ने शुक्रवार को उस वक्त निराशा व्यक्त की जब उन्हें पुणे के चांदनी चौक में नए फ्लाईओवर के उद्घाटन के लिए निमंत्रण विवरणिका से अपना नाम गायब मिला। चांदनी चौक पर बने मल्टीलेवल फ्लाईओवर का उद्घाटन शनिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वीडियो-कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार ने भी समारोह में भाग लिया।
इस कार्यक्रम में कुलकर्णी भी मंच पर थी, लेकिन उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
भाजपा नेता ने शुक्रवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘जब मुझे दरकिनार कर दिया गया या जब मेरी सहमति के बिना निर्णय लिए गए तब मैंने कभी भी सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा। अब, मुझे आप सभी से बात करने की जरूरत महसूस हो रही है क्योंकि जब मैने चांदनी चौक फ्लाईओवर के उद्धाटन का पोस्टर देखा तब मैं निराश हो गयी। इस परियोजना का श्रेय पूरी तरह से नितिन गडकरी जी और देवेंद्र फड़नवीस को जाता है, लेकिन इस परियोजना को आदरणीय गडकरी जी के पास कौन लेकर गया था?’
कुलकर्णी के अनुसार गडकरी ने एक बार स्पष्ट रूप से कहा था कि केंद्रीय मंत्री ने उनकी वजह से यह परियोजना शुरू की।
उन्होंने दावा किया, ”हालांकि मैं एक राष्ट्रीय पद पर हूं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की पुणे यात्रा के दौरान मुझे इस तरह सभी जगह जाने का पास नहीं दिया गया।”
भाजपा नेता ने आगे कहा कि उनके प्रतिद्वंद्वी उन्हें आसानी से नजरअंदाज कर सकते हैं क्योंकि उनके पास कोई बाहुबल या धन बल नहीं है।
उन्होंने लिखा, ‘यह ‘उनके’ लिए आसान है क्योंकि मेरे पास न तो बाहुबल है और न ही धनबल। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हूं और एक विचारधारा के साथ राजनीति में आई थी। मुझे जो जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, मैं उन्हें निभाना जारी रखूंगी।’
भाषा साजन माधव
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