इस रिपोर्ट में यौन शोषण का विवरण है. अगर आप यौन शोषण की किसी घटना की रिपोर्ट करना चाहते हैं, तो कृपया राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन नंबर 181 या आपात स्थिति में NCW की हेल्पलाइन नंबर 112 पर संपर्क करें.
गुरुग्राम: एफआईआर से ताजा जानकारी सामने आई है कि मेदांता अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर एक एयर होस्टेस के साथ कथित यौन उत्पीड़न तब हुआ जब पुरुष कर्मचारी किसी तरह का निरीक्षण कर रहा था.
पीड़िता कोलकाता की रहने वाली है और पिछले 22 सालों से भारत की एक प्रमुख एयरलाइन की कर्मचारी है. वह 1 अप्रैल से शुरू हुए ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए शहर आई थी.
दिप्रिंट द्वारा एक्सेस की गई एफआईआर के अनुसार, 5 अप्रैल की सुबह वह जिस फाइव स्टार होटल में ठहरी थी, वहां डूबने के बाद उसे आयुष्मान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उस रात करीब 10 बजे उसे मेदांता ले जाया गया, जहां उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया.
यह घटना अगले दिन रात करीब 9 बजे हुई. उस समय, हालांकि उसे बांध दिया गया था और सांस लेने वाली नली के जरिए वेंटिलेटर से जोड़ा गया था, लेकिन उसने कहा कि वह अपने आसपास हो रही बातचीत को समझने में सक्षम थी.
एफआईआर में पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके कपड़े और चादर बदलने के बाद, कमरे में दो महिला नर्स और एक पुरुष कर्मचारी थे, और वे किसी तरह की जांच कर रहे थे. “उस आदमी ने मौजूद दो नर्सों से एक सूची देने को कहा.”
आगे लिखा है, “जब उन्होंने सामान की सूची बनाना शुरू किया, तो मैंने उसे मेरे कमरबंद के आकार के बारे में पूछते हुए सुना. फिर उसने नर्सों से कहा कि वह खुद इसकी जांच करेगा.” पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसका माप जांचने की आड़ में उस आदमी ने अपना हाथ चादर के नीचे डाला और अपनी उंगलियों को उसके शरीर में घुसा दिया, उन्हें अंदर की ओर घुमाया. उसने अपनी मुट्ठी डाली और उसे आठ बार अंदर-बाहर किया. फिर उसने कथित तौर पर उसकी जांघों को थपथपाया और उसके स्तनों को सहलाया, और उसके ऊपरी शरीर से कपड़े उतारे, भले ही चिकित्सा उपकरण पहले से ही लगे हुए थे.
उसने कहा, “फिर उसने चादर को मेरी नाक तक खींचा और मुझसे पूछा कि क्या मैं ठीक हूं?”
“मैंने डर के मारे थोड़ा सिर हिलाया. उसने नर्सों से कहा कि उसने माप ले लिया है और चला गया.” बाद में, एक नर्स ने बिस्तर पर खून देखा, लेकिन अपनी सहकर्मी को बताया कि पीड़िता के कपड़े और चादर अभी-अभी बदले गए हैं. दूसरी नर्स ने तब अनुमान लगाया कि महिला का मासिक धर्म शुरू हो गया होगा.
पीड़िता ने बताया, “वेंटिलेटर के कारण मैं डरी हुई थी और बोल नहीं पा रही थी.”
“8 अप्रैल को वेंटिलेटर हटाए जाने और आईसीयू में शिफ्ट किए जाने के बाद भी मैं डर के मारे चुप रही, क्योंकि मैं अभी भी उन्हीं लोगों से घिरी हुई थी.”
13 अप्रैल की शाम को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और वह अपने पति के साथ होटल लौट आई. अगली सुबह उसने अपने पति को सारी बात बताई और उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया. 14 अप्रैल को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 68 (अधिकार में किसी व्यक्ति द्वारा यौन संबंध) और 64 (2) (बलात्कार के लिए सजा) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उसका बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज किया गया है.
गुरुग्राम पुलिस आयुक्त कार्यालय के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने पुष्टि की कि जांच चल रही है, लेकिन उन्होंने आगे कोई विवरण देने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा कि अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया कि जांचकर्ताओं ने बुधवार को मेदांता अस्पताल का दौरा किया और जांच के हिस्से के रूप में कई कर्मचारियों से पूछताछ की. इस बीच, मेदांता अस्पताल ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहा है.
बयान में कहा गया है, “इस स्तर पर, कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ है. संबंधित समय के सीसीटीवी फुटेज सहित सभी प्रासंगिक दस्तावेज पुलिस को सौंप दिए गए हैं. हम जांच में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
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