नयी दिल्ली/ तिरूवनंतपुरम, 10 जून (भाषा) ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए अमेरिका व चार अन्य देशों का दौरा करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने सार्थक बैठकें कीं तथा अच्छे नतीजे देखने को मिले। उन्होंने कहा कि यह भी देखा गया कि भारत के रुख से लोग भली-भांति परिचित थे।
विदेश दौरे से सोमवार शाम लौटे थरूर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सांसदों को भेजने का उद्देश्य राजनीतिक सीमाओं से परे भारत की एकता को प्रदर्शित करना था। उन्होंने कहा कि साथ ही सरकारी अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, थिंक टैंक, विमर्श तैयार करने वालों, मीडिया व विदेश में प्रवासी भारतीय नागरिकों को एक प्रभावी संदेश देना था।
उनका कहना था, ‘‘यह सब कार्य बहुत अच्छी तरह से पूरा किया गया।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छी यात्रा थी। जिन पांच देशों में हम गए थे, उन्होंने जिस तरह से हमारा स्वागत किया उससे हम सभी बहुत खुश हैं। हमारा मानना है कि हर जगह हमारी यात्रा के अच्छे नतीजे रहे।
थरूर ने बताया, ‘‘हमारी बहुत उच्च गुणवत्ता वाली बैठकें हुईं। हम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, बहुत वरिष्ठ वार्ताकारों से मिले।’’
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला और उसके बाद भारत की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए थी, इस बारे में भारतीय रुख को लेकर पूरी समझ और समर्थन दिखा।
थरूर के अनुसार, जिन लोगों से बात की गई, उनमें से कई ने भारत द्वारा प्रतिक्रिया में दिखाए गए संयम के प्रति विशेष रूप से सम्मान व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने वही किया जो हमें करने के लिए कहा गया था।’’
थरूर ने कहा कि अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि पाकिस्तान के पास पेश करने के लिए कोई कहानी नहीं बची है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिर वे खुद को चरमपंथियों के पीड़ित के रूप में चित्रित करने की कोशिश करते हैं। मैंने उनसे कहा, ‘…यदि आप अपने घर में सांप पालते हैं, तो यह उम्मीद न करें कि वह केवल आपके दुश्मनों को ही डसेगा। यही संदेश मैंने सभी को दिया है।’’
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने में कथित अमेरिकी मध्यस्थता के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि उन्होंने उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को बताया कि ‘किसी ने हमसे मध्यस्थता के बारे में बात नहीं की’।
उनका कहना था, ‘मैंने उनसे कहा कि आपने पूछा था कि अगर पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा तो क्या होगा और हमने कहा कि हम इसका जवाब देंगे। हमने यह भी कहा कि अगर वे जो कर रहे हैं उसे रोकेंगे, तो हम भी ऐसा करेंगे। इसलिए, अगर आपने (अमेरिका) उन (पाकिस्तान) तक वह संदेश पहुंचाया और उन्हें रोका, तो बधाई।’
उन्होंने कहा, ”लेकिन हमने कभी किसी से इस मामले में मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा। मैने उन्हें यह बताया।’
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘यह दो सहपाठियों की लड़ाई और प्रधानाचार्य द्वारा उन्हें रोकने के लिए मध्यस्थता करने का मुद्दा नहीं है। जब आतंकवादी एक देश से आते हैं और दूसरे देश में पर्यटकों को मारते हैं, तो दोनों देशों को एक ही नज़रिए से देखने की बात नहीं होती है। जब एक राष्ट्र दूसरे देश के खिलाफ आत्मरक्षा के अपने अधिकार का इस्तेमाल करता है, तो कोई समानता की बात नहीं होती है।’
भाषा हक माधव
माधव
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