नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने निर्माण एवं विध्वंस परियोजनाओं के लिए भवन योजनाओं को मंजूरी मिलने से पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के ‘डस्ट पोर्टल’ पर पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है।
डस्ट पोर्टल को धूल प्रदूषण नियंत्रण स्व-मूल्यांकन पोर्टल भी कहा जाता है। यह डीपीसीसी द्वारा शुरू किया गया एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं के लिए धूल नियंत्रण उपायों की निगरानी करना है।
डीपीसीसी ने निर्देश दिया है कि इस पंजीकरण के बिना कोई भी भवन योजना स्वीकृत नहीं की जाएगी। एमसीडी का लक्ष्य धूल नियंत्रण उपायों को लागू करना और इन उपायों के माध्यम से वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाना है।
एमसीडी को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इन पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को भवन योजनाओं को मंजूरी देने की प्रक्रिया में ही शामिल किया जाए तथा उल्लंघन के परिणामस्वरूप परियोजना अस्वीकृत या रद्द कर दी जाए।
एक आधिकारिक सूचना के अनुसार, एमसीडी को भवन ‘लेआउट’ योजनाओं के लिए ‘डीपीसीसी डस्ट पोर्टल’ को अपनी अनुमोदन प्रणाली के साथ जोड़ने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि निर्बाध निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
इसमें कहा गया है कि निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल को राजधानी की हवा में पीएम10 और पीएम2.5 के स्तर में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता माना जाता है।
ठेकेदारों को 14-सूत्रीय धूल नियंत्रण प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जिसमें ‘एंटी-स्मॉग गन’, पानी का छिड़काव, हवा को रोकने के लिए अवरोधक, मलबे और वाहनों को उचित तरीके से ढंकना तथा अपशिष्ट पदार्थों का शीघ्र निपटान आदि शामिल है। हर निर्माण स्थल पर डीपीसीसी पोर्टल पंजीकरण आईडी वाला डिस्प्ले बोर्ड भी लगाना अनिवार्य होगा।
भाषा
राजकुमार सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.