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Monday, 13 May, 2024
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मतुआ समुदाय से नयी सरकार के गठन तक सीएए के तहत आवेदन नहीं करने को कहा गया

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कोलकाता, 19 मार्च (भाषा) नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के क्रियान्वयन को लेकर मतुआ समुदाय की खुशी में उस समय खलल पड़ गया जब उसके एक अहम संगठन ने अपने सदस्यों को इस नए कानून के तहत अभी नागरिकता के लिए आवेदन नहीं करने की सलाह दी, क्योंकि उनके पास बांग्लादेश में उनके पूर्व पते को साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं।

अखिल भारतीय मतुआ महासंघ ने अपने सदस्यों से केंद्र में नयी सरकार के गठन के बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने को कहा है।

सीएए के नियमों को पिछले सप्ताह अधिसूचित किया गया था और सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे।

अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के महासचिव महितोष बैद्य ने बताया कि समुदाय के सभी सदस्यों को ‘‘अगली सरकार के गठन तक नागरिकता के लिए आवेदन नहीं करने का’’ संदेश भेजा गया है।

केंद्र ने सीएए के तहत नागरिकता का आवेदन करने के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की है।

बैद्य ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘नियम बनने के बाद मतुआ समुदाय के कई सदस्यों ने ऑनलाइन आवेदन भरने की कोशिश की लेकिन उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि कॉलम पांच में उनसे बांग्लादेश में उनके पते के प्रमाण या उनके निवास से संबंधित दस्तावेजों को उपलब्ध कराने को कहा गया।’’

बैद्य ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मतुआ समुदाय एक कठित स्थिति में फंस गया है क्योंकि उनमें से अधिकतर या तो दस्तावेजों के बिना बांग्लादेश से आए हैं या भारत में दस्तावेज मिलने पर उन्होंने बांग्लादेशी दस्तावेजों को नष्ट कर दिया है।

मतुआ महासंघ के शांतनु ठाकुर गुट से संबंधित बैद्य ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने लिए यहां मतदाता कार्ड और आधार कार्ड का प्रबंध करने के बाद पुराने दस्तावेजों को नष्ट कर दिया क्योंकि किसी व्यक्ति के लिए दो देशों के दस्तावेज रखना खतरनाक है। ऐसा करते पकड़े जाने पर उन पर विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाता।’’

देश में सबसे बड़ा मतुआ संगठन ‘अखिल भारतीय मतुआ महासंघ’ वर्तमान में दो गुट में विभाजित है – एक का नेतृत्व भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर कर रहे हैं और दूसरे का नेतृत्व टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) की राज्यसभा सदस्य ममता बाला ठाकुर कर रही हैं।

मतुआ बहुल हरिणघाटा सीट से भाजपा विधायक असीम सरकार ने भी कहा कि समुदाय के सदस्यों को ‘‘भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल’’ के गठन और सीएए नियमों के सरलीकरण तक इंतजार करने की सलाह दी गई है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने सरकार और पार्टी दोनों में अपने शीर्ष नेतृत्व को इन समस्याओं से अवगत करा दिया है जिनका सामना मतुआ समुदाय को करना पड़ रहा है। पोर्टल में ये साबित करने के लिए दस्तावेज देने को कहा गया है कि वे बांग्लादेश से हैं। हमने समुदाय के सदस्यों से कहा है कि वे घबराएं नहीं और सरकार के गठन की प्रतीक्षा करें।’’

इस बारे में पूछे जाने पर कि मतुआ समुदाय के लोगों के पास मतदाता कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड हैं, बैद्य ने कहा, ‘‘उनमें से अधिकतर के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं। अगर उनकी नागरिकता के बारे में जांच की जाती है तो इन दस्तावेजों का कोई मतलब नहीं होगा क्योंकि उनके पास नागरिकता संबंधी उचित प्रमाण पत्र नहीं हैं।’’

कई मतुआ नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर दावा किया कि मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड अवैध रूप से बहुत आसानी से उपलब्ध हैं।

मतुआ समुदाय को भेजे गए नए संदेश को लेकर ममता बाला ठाकुर ने कहा, ‘‘सीएए का धोखा अब खुलकर सामने आ गया है। भाजपा ने चुनाव से पहले उन्हें बेवकूफ बनाने की कोशिश की है।’’

भाषा सिम्मी रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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