नई दिल्ली: 10वीं और 12वीं कक्षा के सीबीएसई छात्रों का मूल्यांकन उन परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा जो लॉकडाउन शुरू होने से पहले उन्होंने दी थीं, बोर्ड ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को यह बताया.
न्यायालय को दिए एक हलफनामे में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि यह छात्रों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाले विषयों के औसत अंकों की गणना करेगा, जिसका उपयोग उन विषयों के लिए अंकों के आवंटन के लिए किया जाएगा, जिनमें वे परीक्षा नहीं लिख सकते.
बोर्ड ने जुलाई में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया था.
अपने हलफनामे में, सीबीएसई ने अपनी मूल्यांकन योजना की विस्तृत जानकारी दी है, जिसमें उसने छात्रों को चार श्रेणियों में बांटा है. योजना पर अंतिम निर्णय, हालांकि, शुक्रवार को अदालत की सुनवाई के बाद लिया जाएगा.
कक्षा 10वीं और 12वीं दोनों के लिए परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुई थीं लेकिन लॉकडाउन के कारण 18 मार्च को स्थगित करनी पड़ी.
मूल्यांकन की योजना
शीर्ष अदालत में प्रस्तुत मूल्यांकन योजना के अनुसार, छात्रों की चार श्रेणियां, जिन्हें बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं दोनों के लिए चिन्हित किया है, उनमें वे सभी शामिल हैं जिन्होंने अपनी सभी परीक्षाएं पूरी कर ली हैं, जिनके परिणाम परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर घोषित किए जाएंगे.
उन छात्रों के लिए जो तीन से अधिक विषयों में परीक्षा में उपस्थित हुए हैं, उन तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विषयों में प्राप्त अंकों का औसत उन विषयों में दिया जाएगा जिनकी परीक्षा आयोजित नहीं की गई है.
बोर्ड ने जिन अन्य छात्रों की पहचान की है, जो केवल तीन विषयों में उपस्थित हुए हैं. ऐसे छात्रों के लिए, सर्वश्रेष्ठ दो प्रदर्शन करने वाले विषयों में प्राप्त किए गए अंकों का औसत उन विषयों में दिया जाएगा, जिनकी परीक्षा आयोजित नहीं की गई है.
यह भी पढ़ें: चीन का समय खत्म हो गया, भाजपा-कांग्रेस को मौजूदा संकट के समय एकजुटता दिखानी चाहिए
अंत में, मुख्य रूप से दंगा प्रभावित पूर्वोत्तर दिल्ली क्षेत्र से कक्षा 12वीं के छात्रों की एक श्रेणी है, जहां परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी थीं. ये छात्र केवल एक या दो परीक्षाओं में उपस्थित हुए थे, उनके परिणाम इंटरनल और प्रैक्टिकल्स प्रोजेक्ट में प्रदर्शन के आधार पर घोषित किए जाएंगे.
प्रदर्शन सुधारने का मौका
बोर्ड ने कहा कि अगर छात्र चाहे तो वो उनको प्रदर्शन को सुधारने का मौका देगा. यह विकल्प, हालांकि, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने अंकों के महत्व के कारण केवल कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए उपलब्ध है.
बोर्ड ने अपने हलफनामे में कहा, ‘जैसे ही स्थिति ठीक होती है वैसे ही कक्षा 12वीं के लिए, सीबीएसई उन विषयों में परीक्षा आयोजित करेगा, जिनकी परीक्षा 1 जुलाई से 15 जुलाई, 2020 के बीच आयोजित की जानी थी’.
‘जिन उम्मीदवारों का परिणाम मूल्यांकन योजना के आधार पर घोषित किया जाएगा, उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए इन वैकल्पिक परीक्षाओं में उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी, यदि वे ऐसा चाहते हैं. हालांकि, इन वैकल्पिक परीक्षाओं में एक उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों को अंतिम माना जाएगा, जिन्होंने इन परीक्षाओं को देने का विकल्प चुना है.’
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)