छत्रपति संभाजीनगर, 28 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण धाराशिव में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि जिले के जलमग्न इलाकों से 3,500 से अधिक लोगों को निकाला गया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में भी भारी बारिश हुई, जिससे सुबह अहिल्यानगर को जोड़ने वाली सड़क पर यातायात बाधित हो गया।
राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर के हरसूल सर्कल में पिछले 24 घंटे में 196 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड, नांदेड़ और परभणी सहित अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश जारी है, जिसके कारण ये इलाके बाढ़ की चपेट में हैं।
अधिकारी के मुताबिक, मराठवाड़ा क्षेत्र के छह जिलों के 189 राजस्व क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश दर्ज की गई है।
बाढ़ प्रभावित धाराशिव जिले के ओमेरगा और परंदा तालुकाओं में शनिवार रात एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में डूब गया, जबकि दूसरी मौत बारिश से जुड़ी एक अन्य घटना के कारण हुई।
जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “धाराशिव में कल रात से बारिश कम हो गई है। इसलिए अब हम प्रभावित परिवारों को सहायता पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सिना कोलेगांव बांध से 75,500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण परंदा के इलाके जलमग्न हो गए हैं, लेकिन हमने 3,615 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।”
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में हरसूल सर्कल में सबसे अधिक 196 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि वैजापुर तालुका के शिवूर और बोरसर सर्कल में 189.25 मिलीमीटर बारिश हुई।
उन्होंने बताया कि वालुज क्षेत्र में भारी बारिश के कारण छत्रपति संभाजीनगर-अहिल्यानगर मार्ग पर सुबह यातायात ठप हो गया।
अधिकारी ने बताया कि जयकवाड़ी बांध के सभी 27 गेट 4 से 5.5 फुट की ऊंचाई तक खोल दिए गए, जिससे गोदावरी नदी में 1.41 लाख क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा में पैठण कस्बे सहित गोदावरी नदी के किनारे बसे गांवों को बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गई है।
क्षेत्र में 483 राजस्व मंडल हैं, जहां वर्षामापी यंत्र लगे हैं। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 189 मंडलों में पिछले 24 घंटों में अधिक वर्षा (एक दिन में 65 मिलीमीटर से अधिक) दर्ज की गई।
भाषा तान्या पारुल
पारुल
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