मुंबई, 31 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और नितेश राणे ने कहा है कि मराठा समुदाय को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के रूप में वर्गीकृत किए जाने के बजाय मौजूदा ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे का लाभ मिलना चाहिए।
कार्यकर्ता मनोज जरांगे मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
राणे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के विधायक रोहित पवार पर जरांगे के आंदोलन को वित्तपोषित करने का भी आरोप लगाया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव उपाध्याय ने दावा किया कि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) में शामिल दल मराठा आरक्षण के मुद्दे पर ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति कर रहे हैं।
पाटिल और राणे दोनों मराठा समुदाय से हैं।
जरांगे मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर हैं। वह चाहते हैं कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कृषक जाति कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सके, हालांकि ओबीसी नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
चंद्रकांत पाटिल ने रविवार को सोलापुर जिले में पत्रकारों से कहा कि मराठा समुदाय को कभी छुआछूत का सामना नहीं करना पड़ा और वे जातिगत रूप से पिछड़े नहीं हैं, बल्कि वर्षों से घटती आ रही जमीन ने उन्हें आर्थिक तंगी में धकेल दिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘असली समस्या तब शुरू हुई जब कृषि से आय कम हो गई और मराठा परिवार अपने बच्चों के लिए महंगी मेडिकल पढ़ाई जैसी बेहतर शिक्षा का खर्च नहीं उठा सके। इसलिए वे शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को दिया जाने वाला आरक्षण उन्हें सहायता देने का एक रास्ता प्रदान करता है, जिसे उच्च न्यायालय ने बरकार रखा है।’’
इस बीच, राणे ने कहा कि सभी मराठों को कुनबी के रूप में वर्गीकृत करने और उन्हें ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की जरांगे की मांग पूरे महाराष्ट्र में स्वीकार्य नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘अगर जरांगे अपनी मांग को मराठवाड़ा तक सीमित रखते हैं, तो सरकार इस पर विचार कर सकती है लेकिन कोंकण में, जहां से मैं आता हूं, वहां मराठों और कुनबियों की अलग-अलग पहचान है और वे अपनी वर्तमान स्थिति से संतुष्ट हैं। मेरे क्षेत्र और अन्य इलाकों के मराठा ओबीसी लाभ प्राप्त करने के लिए कुनबी के रूप में मान्यता प्राप्त करने पर सहमत नहीं होंगे।’
उन्होंने कहा कि मराठों को ओबीसी श्रेणी के माध्यम से आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता, यह संभव नहीं है।
राणे ने कहा, ‘इसके बजाय, राज्य सरकार ने पहले ही एक कानून बना दिया है जिसके तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ईडब्ल्यूएस के माध्यम से समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ अन्य वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। अगर इस आरक्षण को बढ़ाने की मांग की जाती है तो सरकार के साथ इस पर चर्चा की जा सकती है।’
राणे ने आरोप लगाया कि विपक्षी रांकापा (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने जरांगे के विरोध प्रदर्शन को वित्तपोषित किया है।
उन्होंने कहा, ‘अगर रोहित पवार इससे इनकार करते हैं तो मैं उनकी संलिप्तता का सबूत पेश करूंगा।’
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में विपक्षी दलों पर राज्य को संकट में डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी महा विकास आघाडी के कुछ दल, खोए हुए वोट और प्रतिष्ठा वापस पाने के लिए बेताब होकर ‘फूट डालो और राज करो’ की उस राजनीति का सहारा ले रहे हैं, जिसकी मदद से कभी अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया था।
भाषा जोहेब सिम्मी
सिम्मी
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