मुंबई, 30 अगस्त (भाषा) मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में शनिवार को दूसरे दिन भी अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखी और कहा कि सरकार समुदाय के धैर्य की परीक्षा न ले।
जरांगे और उनके समर्थकों को रात भर हुई बारिश के कारण मैदान पर कीचड़ से जूझना पड़ा और उन्होंने शौचालयों में पानी की कमी सहित पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं न होने की शिकायत की।
शुक्रवार से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने वाले जरांगे (43) ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार यह गलत बात न फैलाए कि मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे से आरक्षण चाहता है।
उन्होंने कहा, “हम तो सिर्फ इतनी मांग कर रहे हैं कि हमें कुनबी श्रेणी के तहत योग्यतानुसार हमारे हक का आरक्षण मिले।”
जरांगे मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
वह चाहते हैं कि सभी मराठों को ओबीसी के तहत आने वाली कृषि प्रधान जाति कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए ताकि समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सके।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हम राजनीति में नहीं पड़ना चाहते। हम केवल आरक्षण चाहते हैं। सरकार मराठा समुदाय के धैर्य की परीक्षा न ले।” उन्होंने आरोप लगाया, “हम ओबीसी आरक्षण में कटौती की मांग नहीं कर रहे हैं। गलत जानकारी न फैलाएं।”
कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गरीब मराठाओं का अपमान न करने की अपील की।
उन्होंने फडणवीस पर राज्य में अस्थिरता पैदा करने और माहौल खराब करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
फडणवीस ने शुक्रवार को कहा था कि मराठों के मुद्दे अगर सामाजिक और वित्तीय प्रकृति के हैं, और राजनीतिक आरक्षण से संबंधित नहीं हैं तो उन्हें हल करने के लिए राज्य सरकार का रुख सकारात्मक है।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि मराठा समुदाय से संबंधित मुद्दों पर कैबिनेट उप-समिति जरांगे की मांगों पर चर्चा कर रही है और संवैधानिक ढांचे के अनुसार समाधान ढूंढेगी।
एमवीए नेताओं ने कहा है कि सरकार को जरांगे से बात करनी चाहिए और इसका एकमात्र समाधान यह है कि केंद्र सरकार आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटाए और जाति जनगणना कराए।
इस बीच, प्रतिष्ठित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस समर्थकों का केंद्र बन गया है जहां सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार देर रात शरण ली।
विशाल रेलवे स्टेशन, जो मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है, पर कई प्रदर्शनकारियों ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) पर शौचालय की सुविधा और पानी की आपूर्ति सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया।
उनमें से कई ने उन वाहनों में भी शरण ली जिनमें वे यात्रा कर रहे थे। ये वाहन बीएमसी मुख्यालय के पास महापालिका मार्ग पर खड़े थे।
इस साल जनवरी में राज्य सरकार की ओर से भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) विधायक सुरेश धस के हस्तक्षेप के बाद जरांगे ने छठे दिन अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी थी।
वर्ष 2023 के बाद से इस तरह का यह उनका सातवां प्रदर्शन है। जरांगे ने तब घोषणा की थी कि किए गए वादे के तहत कदमों को तेजी से लागू नहीं किया गया, तो वह मुंबई में एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।
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जोहेब प्रशांत
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