छत्रपति संभाजीनगर, 24 अगस्त (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने रविवार को महाराष्ट्र के मराठा समुदाय के सदस्यों से 27 अगस्त को उनके ‘चलो मुंबई’ मार्च में शामिल होने का आग्रह किया।
जरांगे ने इसे मराठा आरक्षण पाने के लिए अपनी “अंतिम” लड़ाई करार दिया।
बीड जिले के मंजरसुम्बा में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की भीड़ से सरकार को परेशान होना चाहिए।
जरांगे ने कहा, ‘‘अगर ऐसा नहीं हुआ, तो असली दबाव मुंबई पहुंचने पर महसूस होगा। अब मुकाबला मुंबई में होगा।’’
जरांगे ने 29 अगस्त से देश की वित्तीय राजधानी मुंबई के आजाद मैदान में विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसके तहत मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की जाएगी।
जरांगे ने कहा कि वह 27 अगस्त को जालना जिले में अपने पैतृक स्थान अंतरवाली सरती से मुंबई के लिए रवाना होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मुंबई जाएंगे और शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन चलाएंगे। यह हमारी आखिरी लड़ाई है और हम मराठा आरक्षण के बिना वापस नहीं लौटेंगे। ’’
जरांगे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर “छोटी” बाधाएं पैदा करके मराठा समुदाय को भड़काने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘फडणवीस हमें परेशान करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल न करें। मैं मुंबई आ रहा हूं और हम वहीं मिलेंगे।’’
जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के सदस्यों को परेशान करने के बजाय पुलिस को महादेव मुंडे के हत्यारों को पकड़ना चाहिए।
बीड के परली निवासी मुंडे का नौ अक्टूबर 2023 को अपहरण हुआ था और तीन दिन बाद उसकी लाश मिली थी। पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें ‘चलो मुंबई’ मार्च की योजना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार हमें आरक्षण दे दे, तो हमें मुंबई जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम यहीं जश्न मनाएंगे।’’
जरांगे ने मराठा समुदाय से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘हम अपनी आने वाली पीढ़ियों की जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहते। अगर कुछ गड़बड़ हो जाए, तो किसी को भागना नहीं चाहिए। अगर कोई पत्थर फेंके, तो उसे पुलिस के हवाले कर दो। पत्थर फेंकने वाले हमारे लोग नहीं हैं। यह सरकार की साजिश हो सकती है।’’
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