नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) दिल्ली विद्यालय न्यायाधिकरण ने पाया है कि बड़ी संख्या में निजी मान्यता प्राप्त स्कूल कम वेतन पर अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति कर रहे हैं, जो छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
न्यायाधिकरण ने शिक्षा निदेशालय (डीओई) को ऐसे अनुचित व्यवहारों या अयोग्य शिक्षकों की ‘गुपचुप भर्ती’ को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण करने को कहा।
पीठासीन अधिकारी सतेंद्र कुमार गौतम एक शिक्षिका की बर्खास्तगी के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रहे थे।
दो दिसंबर के आदेश में न्यायाधिकरण ने अपील खारिज कर दी, क्योंकि उसने पाया कि डिप्लोमा धारक शिक्षक के पास प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए अपेक्षित योग्यता नहीं थी।
न्यायाधिकरण ने अपने समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों पर गौर करते हुए कहा, ‘बार-बार इस पर चर्चा होती है (और) यह सर्वविदित है कि बड़ी संख्या में स्कूल ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति करते हैं जो पात्रता मानदंड और अपेक्षित योग्यताएं पूरी नहीं करते हैं, (और शिक्षक) दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम एवं नियम (डीएसईएआर) का उल्लंघन करते हुए कम वेतन पर नौकरी स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाते हैं।’
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘इससे हमारी शिक्षा प्रणाली और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के मौलिक अधिकार प्रभावित हुए हैं… डीएसईएआर के प्रावधानों के तहत उन लोगों की नियुक्ति की अनुमति नहीं होती जो पात्रता शर्तें पूरी नहीं करते हैं। हालांकि, ऐसी नियुक्तियां अब भी की जा रही हैं।’
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘शिक्षा विभाग को नियमित निरीक्षण करने के लिए सभी प्रयास करने होंगे, ताकि कोई अनुचित व्यवहार, गुपचुप भर्ती या … कदाचार न हो।’
भाषा जोहेब रंजन
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