नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 91वें संस्करण में रविवार को कहा कि ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ जन आंदोलन का रूप ले रहा है. सभी और अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा, ‘इस बार ‘मन की बात’ बहुत खास है. इसका कारण है, इस बार का स्वतंत्रता दिवस, जब भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करेगा. हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘आजादी के अमृत महोत्सव के तहत, 13 से 15 अगस्त तक, एक विशेष अभियान – ‘हर घर तिरंगा- हर घर तिरंगा’ का आयोजन किया जा रहा है. इस अभियान का हिस्सा बनकर 13 से 15 अगस्त तक, आप, अपने घर पर तिरंगा जरूर फहराएं, या उसे अपने घर पर लगायें.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे युवा, हर क्षेत्र में देश को गौरवान्वित कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसी महीने, पीवी सिंधु ने सिंगापुर ओपन का अपना पहला खिताब जीता है. नीरज चोपड़ा ने भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखते हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है.’
उन्होंने कहा कि चेन्नई में 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करना भी भारत के लिए बड़े ही सम्मान की बात है. 28 जुलाई को ही इस टूर्नामेंट का शुभारंभ हुआ है और मुझे इसकी उद्घाटन समारोह में शामिल होने का सौभाग्य मिला.
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि कोरोना के खिलाफ आयुष ने वैश्विक स्तर पर अहम भूमिका निभाई है. दुनिया में आयुर्वेद और भारतीय औषधियों के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है. हाल ही में, एक वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन हुआ था. इसमें करीब 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं.
उन्होंने कहा, ‘भारत में अब विदेश से आने वाले खिलौने की संख्या भी कम हो रही है. पहले जहां 3000 करोड़ रुपए के खिलौने भारत में आते थे वहीं इनका आयात 70% कम हो गया है. खुशी की बात यह है कि भारत ने 2600 करोड़ रुपए के अधिक के खिलौनों को निर्यात किया है.’
पीएम ने कहा, ‘हमारे युवा, स्टार्ट-अप और उद्यमियों के बूते हमारे खिलौना उद्योग ने जो कर दिखाया है, जो सफलताएं हासिल की हैं, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. आज, जब भारतीय खिलौनों की बात होती है, तो हर तरफ वोकल फॉर लोकल की ही गूंज सुनाई दे रही है.’
प्रधानमंत्री ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को भी उनके परिणाम घोषित होने पर बधाई देते हुए कहा, ‘अपने कठिन परिश्रम और लगन से उन्होंने सफलता अर्जित की है. महामारी के चलते पिछले दो साल बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं. इन परिस्थितियों में भी हमारे युवाओं ने जिस साहस और संयम का परिचय दिया, वह अत्यंत सराहनीय है.’
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