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Friday, 1 November, 2024
होमदेशमनीष नरवाल ने निशानेबाजी में भारत को दिलाया तीसरा गोल्ड, अडाना को मिला सिल्वर

मनीष नरवाल ने निशानेबाजी में भारत को दिलाया तीसरा गोल्ड, अडाना को मिला सिल्वर

निशानेबाज अवनि लेखरा ने मौजूदा खेलों में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता है. वहीं जोगिंदर सिंह सोढी ने 1984 पैरालम्पिक में रजत और कांस्य पदक जीता था.

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टोक्यो : निशानेबाज मनीष नरवाल ने पैरालम्पिक रिकॉर्ड के साथ टोक्यो खेलों में भारत की झोली में तीसरा स्वर्ण पदक डाला जबकि सिंहराज अडाना ने रजत पदक जीता जिससे पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में शीर्ष दोनों स्थान भारत के नाम रहे .

इस वर्ग में विश्व रिकॉर्डधारी उन्नीस वर्ष के नरवाल ने पैरालम्पिक का रिकॉर्ड बनाते हुए 218 . 2 स्कोर किया. वहीं पी1 पुरूषों की एस मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में मंगलवार को कांस्य जीतने वाले अडाना ने 216. 7 अंक बनाकर रजत पदक अपने नाम किया. इसके साथ ही अडाना एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए.

निशानेबाज अवनि लेखरा ने मौजूदा खेलों में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता है. वहीं जोगिंदर सिंह सोढी ने 1984 पैरालम्पिक में रजत और कांस्य पदक जीता था.

हरियाणा सरकार ने खिलाड़ियों की सफलता को देखते हुए मनीष नरवाल को 6 करोड़ रुपये देने का एलान किया है, वहीं रजत पदक विजेता सिंहराज अधाना को सरकार ने 4 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की है, इसके साथ ही दोनों खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी,

रूसी ओलंपिक समिति के सर्जेइ मालिशेव ने 196 . 8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता.

दाहिने हाथ में विकार के शिकार नरवाल की शुरूआत धीमी रही जब उन्होंने 7.7 और 8.3 स्कोर किया लेकिन इसके बाद फरीदाबाद के इस युवा ने शानदार वापसी की. दूसरी ओर अडाना की शुरूआत काफी अच्छी रही लेकिन बीच में वह चूक गए. फाइनल सीरिज में नरवाल ने 8 . 4 और 9.1 जबकि अडाना ने 8.5 तथा 9.4 स्कोर किया.

इससे पहले क्वालीफाइंग दौर में अडाना 536 अंक लेकर चौथे और नरवाल 533 अंक लेकर सातवें स्थान पर थे. भारत के आकाश 27वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह नहीं बना सके.

भारतीय निशानेबाजों ने मौजूदा खेलों में दो स्वर्ण समेत पांच पदक जीत लिये हैं.

एसएच1 वर्ग में निशानेबाज एक ही हाथ से पिस्टल पकड़ते हैं क्योंकि उनके एक हाथ या पैर में विकार होता है जो रीढ की में चोट या अंग कटने की वजह से होता है. कुछ निशानेबाज खड़े होकर तो कुछ बैठकर निशाना लगाते हैं.

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