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Wednesday, 6 November, 2024
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मणिपुर हिंसा : ITLF ने मांगी माफी, कहा- कुकी लोगों का ब्रेनवाश किया, जिससे मैतेई के साथ संघर्ष हुआ

इंडिजिनियस ट्राइबल लीडर फोरम ने कहा हम अपनी नाकामी स्वीकार करते हैं, इससे अनपेक्षित परिणाम सामने आए, जिससे कुकी ज़ो और मैतेई दोनों समुदाय प्रभावित हुए.

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चुराचांदपुर (मणिपुर) : इंडिजिनियस ट्राइबल लीडर फोरम (आईटीएलएफ) ने बुधवार को मणिपुर में ‘गुमराह करने और मैतेई लोगों के साथ संघर्ष’ को लेकर कुकी ज़ो लोगों से माफी मांगी है.

एक आधिकारिक बयान में आईटीएलएफ ने कहा, ‘इंडिजिनियस ट्राइबल लीडर फोरम एक अग्रणी संगठन है जो स्वदेसी समुदायों में एकता और कल्याण, अंगीकार करने के लिए समर्पित है, और अपने गलत काम पर उसे पछतावा है जिसके परिणामस्वरूप मणिपुर में निर्दोष कुकी ज़ो लोगों का ब्रेनवॉश किया गया और मैतेई लोगों के साथ दुर्भाग्यपूर्ण संघर्ष हुआ.” संगठन ने कहा कि उसका मानना है कि मिशन का सार विभिन्न स्वदेशी समुदायों के बीच सद्भाव, आपसी सम्मान को बढ़ावा देना और शांति व सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है.

बयान में कहा गया है, “भारी मन से हम इन मूल सिद्धांतों को पूरा करने में अपनी नाकामी स्वीकार करते हैं, इससे अनपेक्षित परिणाम सामने आए, जिससे कुकी ज़ो और मैतेई दोनों समुदाय प्रभावित हुए.”

माफी मांगते हुए इसने कहा, “हम निर्दोष कुकी ज़ो लोगों के प्रति दिल से क्षमा जताते हैं, जिनका भरोसा गलत था और जो अनजाने में संघर्ष में शामिल हो गए.”

आईटीएलएफ ने यह भी कहा कि वह काम करके हालात सुधारने का वादा करता है जिसमें दोनों समुदायों के बीच खुला संवाद, पुनर्स्थापनात्मक उपाय और इसकी संगठनात्मक प्रक्रियाओं और निर्णय लेने वाली संरचनाओं की पारदर्शी समीक्षा शामिल है.

3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद मणिपुर में हिंदू मैतेई और ट्राइबल कुकी, जो कि ईसाई हैं के बीच हिंसा भड़क गई थी.

हिंसा से पूरा राज्य महीनों से चपेट में है और केंद्र सरकार ने हालात को काबू करने के लिए पैरामिलिट्री फोर्सेज तैनात की हैं.

यह हिंसा मणिपुर में तब भड़की जब मैतेई समुदाय को एसटी कटेगरी में शामिल करने की मांग की गई. मैतेई एक बहुसंख्यक समुदाय है. वे इम्फाल घाटी और उसके आसपास रहते हैं. उनकी बढ़ती संख्या के कारण जमीन की मांग में वृद्धि हुई है. पहाड़ी एरिया में केवल एसटी ही जमीन खरीद सकते हैं. पहाड़ी इलाकों में जमीन मिल सके, इसलिए उन्होंने एसटी दर्जे की मांग की.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य में भारतीय सेना द्वारा कुकी जनजाति की सुरक्षा देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी.


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