इम्फाल, 21 नवंबर (भाषा) मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को फिर से लागू करने और हाल ही में जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं एवं तीन बच्चों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने इम्फाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में बृहस्पतिवार को प्रदर्शन व रैलियां कीं।
मीरा पैबिस जैसे मेइती समुदाय के कई संगठनों ने राज्य के छह पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में अफ्सपा फिर से लागू करने के खिलाफ धरना दिया और जिरीबाम में छह लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी-जो-हमार समूह के सदस्यों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की।
केंद्र ने 14 नवंबर को जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में अफ्सपा फिर से लागू कर दिया। वर्तमान में 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरा राज्य अफ्सपा के अधीन है।
राज्य में ‘बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति’ के विरोध में थौबल जिले के वाइखोम मणि कॉलेज से थौबल मेला मैदान तक लगभग दो किलोमीटर की दूरी तक एक रैली भी निकाली गई।
‘ऑल थौबल यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन’ समेत कई संगठनों ने रैली का आयोजन किया।
इस बीच, राज्य सरकार ने लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीदने की सुविधा देने के लिए इम्फाल घाटी के चार जिलों में विभिन्न अवधि के लिए कर्फ्यू में ढील दी।
इम्फाल पूर्व और थौबल के जिलाधिकारियों ने सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का आदेश दिया। इम्फाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में यह छूट सुबह पांच बजे से शाम चार बजे तक दी जाएगी।
भाषा संतोष सुभाष
सुभाष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.