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गुरूवार, 26 जून, 2025
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विरोध प्रदर्शन प्रबंधन के लिए मणिपुर पुलिस का अनोखा तरीका, आरोपियों को

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इंफाल, 11 जून (भाषा) मणिपुर पुलिस ने पारंपरिक पुलिसिंग में एक नये बदलाव के तहत सात जून से होने वाले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान घाटी के विभिन्न जिलों में हिरासत में लिए गए सैकड़ों युवाओं के लिए ‘सामुदायिक सेवा’ कार्यक्रम शुरु करते हुए उनके हाथों में झाड़ू और फावड़े थमा दिये हैं।

यह अनूठा दृष्टिकोण मणिपुर पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त अभियान के दौरान अरामबाई तेंगोल के प्रमुख नेता एवं कई मामलों में वांछित असीम कानन सिंह और उनके चार सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद सड़कों पर देखी गई अशांति के बाद अपनाया गया है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने सिंह और अन्य की बिना शर्त रिहायी की मांग की। बाद में अरामबाई तेंगोल ने 10 दिनों का बंद आहूत किया, जिसे अंततः मंगलवार को वापस ले लिया गया।

औपचारिक आरोपों का सामना करने के बजाय, जो उनके भविष्य को प्रभावित कर सकता था, 36 से अधिक युवा सड़कों पर उतरे, दंगाई के रूप में नहीं, बल्कि सफाईकर्मी के रूप में।

हाल में लागू भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के अभिनव प्रावधानों का लाभ उठाते हुए, मणिपुर पुलिस ने उनके हाथों में झाड़ू और फावड़े थमाये और विरोध प्रदर्शनों के दौरान उनके या अन्य लोगों द्वारा लगाये उन अवरोध, जले हुए टायर और कंक्रीट के मलबे को हटाने में लगा दिया।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह अपरंपरागत कदम इन ‘गुमराह युवाओं’ के करियर को सुरक्षित रखने के लिए जानबूझकर उठाया गया है।

बीएनएसएस की धारा 4(एफ) का हवाला देते हुए, अधिकारी दंडात्मक उपायों के बजाय पुनर्वास का रास्ता प्रदान कर रहे हैं। यह धारा मामूली कदाचार में लिप्त पहली बार अपराध करने वालों के लिए सामुदायिक सेवा की सलाह देती है।

व्यापक रूप से साझा की गई तस्वीरों और वीडियो में हिरासत में लिए गए युवा सड़कों पर झाड़ू लगाते और तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन के दौरान जमा हुई गंदगी को साफ करते दिखे।

मणिपुर पुलिस के बर्खास्त हेड कांस्टेबल सिंह की गिरफ्तारी के बाद सात जून को घाटी के विभिन्न जिलों में व्यापक आंदोलन भड़क उठा था।

आरोपी कई मामलों में वांछित है, जिसमें 27 फरवरी, 2024 को इंफाल पश्चिम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अभियान) मोइरंगथेम अमित के आवास पर अरामबाई तेंगोल के हथियारबंद सदस्यों द्वारा किया गया हमला भी शामिल है।

इसके अलावा सिंह की मादक पदार्थ, उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और महानिरीक्षक (आईजी) के कार्यालयों में तोड़फोड़, प्रथम मणिपुर राइफल्स पर हमला और हथियारों की तस्करी में कथित संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।

अरामबाई तेंगोल संगठन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 10 दिवसीय हड़ताल का अपना आह्वान समाप्त कर रहा है, लेकिन सिंह को रिहा करने की अपनी मांग को लेकर अपना शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन जारी रखेगा। संगठन ने उसके नाम पर सड़कों पर की जा रही किसी भी हिंसक गतिविधि से भी खुद को अलग किया।

भाषा

अमित रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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