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बुधवार, 18 जून, 2025
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मणिपुर: मेइती समूह ने दिल्ली बैठक को संकट हल करने के लिए एक और ‘प्रतीकात्मक कदम’ करार दिया

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इंफाल, पांच अप्रैल (भाषा) मणिपुर की इंफाल घाटी के कई नागरिक समाज संगठनों के एक निकाय सीओसीओएमआई ने शनिवार को दिल्ली में केंद्र द्वारा बुलाई गई मेइती और कुकी समुदायों के बीच बैठक को राज्य की जातीय समस्याओं को हल करने के लिए एक और ‘प्रतीकात्मक कदम’ करार दिया।

मेइती संगठन ने संकट के वास्तविक कारणों का पता लगाने का भी आह्वान किया।

सीओसीओएमआई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के अनुरूप राजमार्गों और महत्वपूर्ण सड़कों तक निर्बाध पहुंच की मांग की और फरवरी में लगाए गए राष्ट्रपति शासन में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए शांति प्रयासों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों व समूहों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की।

दिल्ली में बैठक के दिन यहां जारी एक बयान में कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी(सीओसीओएमआई) ने केंद्र पर ‘समाधान का दिखावा करने के लिए बार-बार प्रतीकात्मक इशारों का इस्तेमाल करने जबकि इस संकट के मूल कारणों को दूर करने के लिए कोई ईमानदार या ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।” मेइती समूह ने दावा किया कि उसने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया क्योंकि यह इस सप्ताह की शुरुआत में संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को सही साबित करने की एक ‘चाल’ थी।

लोकसभा में बृहस्पतिवार को मणिपुर पर बहस के दौरान शाह ने कहा था कि गृह मंत्रालय ने मेइती और कुकी समुदायों के विभिन्न संगठनों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं और अब एक संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी। सीओसीओएमआई ने दावा किया कि हालिया बैठक ‘दोनों पक्षों के मुट्ठी भर लोगों के साथ जल्दबाजी में बुलाई गई थी’।

बैठक में छह सदस्यीय मेइती प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ, जिसमें ‘ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन’ और ‘फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन’ के प्रतिनिधि शामिल थे।

वहीं कुकी प्रतिनिधिमंडल में करीब नौ प्रतिनिधि शामिल थे।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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