नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने शनिवार को घोषणा की कि दिल्ली स्थित संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर (एसजीएसीसी) को एक अगस्त से अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा ताकि इसे ‘पूरी तरह बदला’ जा सके.
उनका यह बयान इस सेंटर में रेस्क्यू किए गए एक कुत्ते की मौत के हालिया घटना के बाद आया है, जो आवारा पशुओं की पकड़ने और और उनकी देखभाल करने के मामले में दिल्ली के सबसे पुराने संस्थानों में से एक है. गौरतलब है कि कुत्ते के काटने के बाद एक पैरा-वेट (पशुओं के इलाज के लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ता) ने कथित तौर पर कुत्ते को बुरी तरह पीट दिया था.
5 जुलाई को सोशल मीडिया पर शेयर एक वीडियो में केंद्र सेंटर में कुत्ते के साथ बदसलूकी को दिखाया गया है. पशुओं को बचाने से जुड़ी एक कार्यकर्ता कावेरी भारद्वाज की तरफ से जारी इस वीडियो को बड़ी संख्या में लोगों ने साझा किया, जिसने मेनका गांधी का भी ध्यान आकृष्ट किया.
एसजीएसीसी अध्यक्ष मेनका गांधी ने अपने बयान में कहा कि 40 साल पुराने इस अस्पताल में कोविड-19 के कारण पिछले एक साल से स्टाफ कम है और वीडियो में कुत्ते को पीटते नजर आ रहे दोनों पैरा-वेट कुछ समय पहले ही भर्ती किए गए थे.
गांधी ने कहा, ‘हाल ही में नई दिल्ली स्थित संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर (एसजीएसीसी) में एक कुत्ते को रेस्क्यू के लिए लाया गया था. पिछले एक साल में एसजीएसीसी में कोविड-19 के कारण स्टाफ कम हो गया है और यहां काम पर रखे गए दो नए पैरा-वेट कुत्ते की देखभाल कर रहे थे. यह बचाव कार्य उस समय एक खेदजनक स्थिति में पहुंच गया जब अत्यधिक दर्द से पीड़ित कुत्ता स्वाभाविक रूप से हिंसक हो गया और उसने एक पैरा-वेट को काट लिया, बदले में उसने भी इसका जवाब काफी हिंसात्मक ढंग से दिया. इसके कारण आई चोटों से कुत्ते की मौत हो गई.’
My statement on the recent incident at Sanjay Gandhi Animal Care Centre. pic.twitter.com/AFRrie6pR0
— Maneka Sanjay Gandhi (@Manekagandhibjp) July 10, 2021
उन्होंने आगे कहा कि दो पैरा-वेट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रखंड के प्रभारी चिकित्सक को भी छुट्टी पर जाने का नोटिस दे दिया गया है.
हालांकि, गांधी ने कहा कि ये उपाय ‘पर्याप्त नहीं’ थे और एसजीएसीसी को ‘फिर से खड़ा करने की जरूरत है.’
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बुनियादी ढांचे और पूरी व्यवस्था में सुधार किया जाएगा
40 साल से चल रहा यह अस्पताल 1 अगस्त से अस्थायी रूप से बंद हो जाएगा. गांधी ने कहा, ‘आने वाले दिनों में यह किसी भी रेस्क्यू अभियान के लिए बंद रहेगा और यहां मौजूदा जानवरों का पुनर्वास किया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि इस संस्था को फिर से बनाया जाएगा- भौतिक रूप से (पूरे डॉग सेक्शन का पुनर्निर्माण होगा, बुनियादी ढांचा बदला जाएगा) और सबसे अहम बात स्टाफ के तौर-तरीकों के लिहाज से भी बदलाव किया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि ओवरहालिंग के साथ वह यह भी सुनिश्चित करेंगी कि कर्मचारियों को जानवरों के प्रति संवेदनशील व्यवहार अपनाने के लिए प्रशिक्षण मिले.
उनके बयान में कहा गया है, ‘हम अस्पताल प्रबंधन और उसके कर्मचारियों को पूरी तरह से बदल देंगे, साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां काम करने वाले सभी लोगों को पशुओं के प्रति संवेदनशीलता का प्रशिक्षण मिले. हम अपनी आंतरिक नीतियों और प्रोत्साहन तंत्र की भी समीक्षा करेंगे.’
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