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Monday, 27 January, 2025
होमदेशगणतंत्र दिवस पर अमृतसर में आंबेडकर की मूर्ति तोड़ने के आरोप में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया

गणतंत्र दिवस पर अमृतसर में आंबेडकर की मूर्ति तोड़ने के आरोप में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया

सोमवार को शहर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है. पुलिस ने व्यक्ति की पहचान एससी समुदाय से आने वाले धर्मकोट निवासी के तौर पर की है और कहा है कि प्रकरण के पीछे के मकसद की जांच की जा रही है.

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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की शाम को स्वर्ण मंदिर के पास अमृतसर के हॉल बाज़ार में बनी बी.आर. आंबेडकर की प्रतिष्ठित प्रतिमा को एक व्यक्ति ने तोड़ दिया.

युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है. आरोपी की पहचान धरमकोट के भूपिंदर सिंह के बेटे आकाशदीप सिंह के तौर पर हुई है. अमृतसर पुलिस द्वारा जारी एक सूचना वीडियो के अनुसार, आरोपी अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से है.

पुलिस के सूत्रों ने कहा कि आरोपी के मकसद और अन्य व्यक्तियों की संभावित संलिप्तता की जांच की जा रही है.

पुलिस के अनुसार, युवक ने प्रतिमा के सामने पत्थर पर उकेरी गई संविधान की पुस्तक को “प्रतीकात्मक रूप से” ज्वलनशील पदार्थ डालकर जलाने का प्रयास किया.

यह घटना दोपहर 3 बजे सबसे व्यस्त हेरिटेज स्ट्रीट पर हुई, जो स्वर्ण मंदिर की ओर जाती है. बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा ने इस स्ट्रीट को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बना दिया है.

घटना का एक वीडियो, जो तब से सोशल मीडिया पर वायरल है, में युवक को इस 10 फीट ऊंची प्रतिमा के ऊपर बैठा हुआ देखा जा सकता है जो उस पर हथौड़ा चला रहा है.

दर्शकों ने निजी सुरक्षा गार्डों को सतर्क कर दिया, जिन्होंने उसे नीचे उतरने के लिए उस पर चिल्लाया. जब वह नीचे उतरा, तो उन्होंने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. एक अन्य वीडियो में युवक को गार्डों से यह कहते हुए देखा गया है कि उसे सीढ़ी नहीं मिली, वह पहले से ही वहां थी.

अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने दिप्रिंट को बताया कि जांच जारी है, लेकिन घटना में कोई आतंकी पहलू नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि इस घटना का अमेरिका स्थित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा गणतंत्र दिवस पर अशांति की चेतावनी देने वाले बयान से भी कोई संबंध नहीं है.

अमृतसर के एआईजी जगजीत सिंह वालिया ने दिप्रिंट को बताया, “यह पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज देखी जा रही है कि क्या आरोपी खुद सीढ़ी लेकर आया था या जब वह चढ़ा तो वह पहले से ही वहां थी. हम इस संभावना की भी जांच कर रहे हैं कि मूर्ति की सफाई करने के बाद सफाईकर्मियों ने सीढ़ी को मौके पर ही क्यों छोड़ दिया था.”

विरोध प्रदर्शन

जैसे ही तोड़फोड़ की खबर फैली, अमृतसर में विभिन्न दलित संगठनों के सदस्य प्रतिमा के पास एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

पवन वाल्मीकि तीर्थ एक्शन कमेटी के अध्यक्ष कुमार दर्शन, जिन्होंने मौके पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, ने कहा कि यह घटना पन्नू के भड़काऊ बयानों का नतीजा है, जो पंजाब में माहौल को कट्टरपंथी बना रहा था.

दिप्रिंट से बात करते हुए दर्शन ने कहा, “हमने पुलिस से न केवल उस व्यक्ति की पहचान के बारे में पूरी जानकारी मांगी है, बल्कि यह भी पूछा है कि वह किसके लिए काम कर रहा था, वह किसके संपर्क में था और वह घटना को अंजाम देने के लिए इतनी ऊंची सीढ़ी कैसे ले आया. हेरिटेज स्ट्रीट पर, जहां यह घटना हुई, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और यह बहुत जल्दी पता लग जाएगा कि उसके साथ कौन-कौन था — क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है.”

दर्शन ने कहा कि सोमवार को अमृतसर में बंद का आह्वान किया गया है और भंडारी पुल पर धरना दिया जाएगा.

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए प्रदर्शनकारियों के एक अन्य नेता ने कहा कि यह घटना कोई छिटपुट घटना नहीं है, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसका पुलिस को पता लगाना चाहिए.

वरिष्ठ भाजपा नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय सांपला ने एक्स पर लिखा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और अकाल तख्त को इस घटना के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

AAP अनुसूचित जाति विंग के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर हंस ने दिप्रिंट से कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का उद्देश्य राज्य में अशांति पैदा करना और शांति भंग करना था.

हंस ने कहा, “यह घटना साबित करती है कि कुछ लोग — शायद एजेंसियों के नेतृत्व में — अशांति फैलाना चाहते हैं. पुलिस ने बहुत कुशलता से काम किया और उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. मैंने पुलिस आयुक्त से बात की और उनसे इस घटना के पीछे की साजिश को सामने लाने के लिए कहा है.”

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ दलजीत चीमा ने एक पोस्ट में कहा कि इसने राज्य में पूरी तरह से अराजकता को उजागर कर दिया है. चीमा ने कहा, “यह चौंका देने वाली बात है कि घटना शहर के सबसे व्यस्त स्थानों में से एक पर हुई और वह भी ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस पर जब सरकार द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को अधिकतम होने का दावा किया जाता है.”

उन्होंने कहा कि इससे दुनिया भर में लाखों भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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