नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2021 में अपनी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार करने के जुर्म में एक शख्स को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और कहा है कि समाज में एक कड़ा संदेश जाने की जरूरत है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय नागर, पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति के खिलाफ सजा पर बहस सुन रहे थे।
अदालत ने छह मई के एक फैसले में कहा, ‘समाज को एक कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए कि बच्चों के खिलाफ इस तरह के अपराध किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटा जाएगा।’
अदालत ने पीड़िता के बयान पर गौर किया कि वह अपनी मां के निधन के बाद अपने नाना-नानी के साथ रह रही थी और दोषी उसे अपने घर ले आया और 30 दिसंबर 2021 को उसके साथ बलात्कार किया।
अदालत ने कहा, ‘उसने (पीड़िता ने) भागने की कोशिश की और अपने नाखूनों से उसके चेहरे को नोंच भी लिया, लेकिन उसने (पिता ने) उसे जाने नहीं दिया; बलात्कार के बाद, जब आरोपी ने उसे छोड़ा, तो वह बहुत क्रोधित हो गई और गुस्से में उसने चाकू से आरोपी की गर्दन पर वार किया; उसके बाद उसकी गर्दन से खून बहने लगा, उसने दरवाजे की कुंडी खोली और मकान मालकिन को पूरी घटना बताई।’
अदालत ने कहा कि नाबालिग पीड़िता को पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, इसलिए उसे 10.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
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नोमान नरेश
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