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Tuesday, 5 November, 2024
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यूपी के मैनपुरी में भाई, उसकी दुल्हन और तीन अन्य की हत्या के बाद व्यक्ति ने की खुदकुशी

एफआईआर आरोपी शिव वीर यादव के पिता की शिकायत पर आधारित है. पुलिस किसी भी स्पष्ट मकसद को उजागर करने में असमर्थ रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट शनिवार देर रात आने की उम्मीद जताई गई थी.

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मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में शुक्रवार देर रात एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपने नवविवाहित भाई और उसकी दुल्हन सहित पांच लोगों की कथित तौर पर हत्या कर दी और आत्महत्या करने से पहले अपने परिवार के तीन अन्य लोगों को घायल कर दिया.

स्थानीय पुलिस अभी भी शिव वीर यादव के इस हमले के पीछे के मकसद का पता लगाने की कोशिश कर रही है. यादव के पिता सुभाष की शिकायत पर मामले के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई थी.

यादव नोएडा में एक कंप्यूटर सेंटर चलाता था और अपनी पत्नी डॉली और दो बच्चों के साथ रहता था. स्थानीय पुलिस ने कहा, वे अपने भाई की शादी के लिए गोकुलपुर गांव स्थित घर आया हुआ था.

उसके भाई सोनू (24) ने सोनी (20) से गुरुवार को इटावा में शादी की और परिवार शुक्रवार सुबह लौट आया. पूरे दिन शादी की रस्में चलती रहीं. इससे पहले कि सभी लोग रात को सोते, यादव ने कथित तौर पर उन्हें नशीला पदार्थ मिला हुआ कोल्ड ड्रिंक पिलाया.

मैनपुरी के किशनी पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि देर रात, यादव कथित तौर पर पहली मंजिल के बेडरूम में गया और सोनू और उसकी पत्नी की लंबे हाथ वाली कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी.

फिर, उसने कथित तौर पर अपने सबसे छोटे भाई, भुल्लन (18), उसके बहनोई सौरभ और दोस्त दीपक पर हमला किया, जो नीचे की मंजिल पर सो रहे थे, जिससे उनकी तुरंत मौत हो गई.

यादव ने कथित तौर पर डॉली, बहन प्रियंका (26) और सुभाष पर हमला किया, जिससे वे घायल हो गए. सभी पीड़ित, बेहोश होकर, हमले से बमुश्किल खुद को बचा सके, लेकिन दर्द से कराहने लगे. उनकी चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन यादव कथित तौर पर वहां से भाग गया और पकड़े जाने से पहले उसने देसी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली. पिस्तौल यादव के शव के पास मिली थी.

घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉली और यादव के पिता सुभाष की हालत स्थिर बताई जा रही है, जबकि प्रियंका की हालत गंभीर है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट शनिवार देर रात तक आने की उम्मीद जताई गई थी.

सुभाष ने कथित तौर पर पुलिस को बताया है कि यादव 2016 में नोटबंदी के बाद से वित्तीय संकट में था. उसने प्रिंटिंग प्रेस समेत कई व्यवसायों में हाथ आजमाया, लेकिन सभी में असफल रहा. इससे वह कई दिनों से उदास और परेशान था.

हालांकि, पुलिस ने मामले में अब तक संपत्ति विवाद से इनकार किया है, लेकिन जांच जारी है.

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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