ठाणे, 27 मई (भाषा) ठाणे की एक अदालत ने छेड़खानी और आपराधिक धमकी से जुड़े 2013 के एक मामले में सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए 39 वर्षीय आरोपी को बरी कर दिया है।
अवधूत सतीश नलवाडे पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (छेड़खानी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी के एक महिला के साथ संबंध थे और उस महिला ने आरोपी पर 20 सितंबर 2013 को छेड़खानी के आरोप लगाए थे।
महिला ने आरोप लगाया कि घटना से पहले नलवाडे ने अपनी पहचान और वैवाहिक स्थिति के बारे में उसे गुमराह किया था।
न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) डॉ. ए.एस. भासरकर ने 22 मई को अपने फैसले में कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे पता चले कि आरोपी ने कभी महिला को डराया-धमकाया हो।
छेड़खानी के आरोप के संबंध में अदालत ने विरोधाभासी गवाही और घटनास्थल पंचनामा (अपराध स्थल निरीक्षण रिपोर्ट) के अभाव सहित विभिन्न विसंगतियों को उजागर किया।
अदालत ने कहा कि महिला द्वारा उल्लिखित किए गए दो प्रमुख गवाहों से पूछताछ नहीं की गई और शिकायत दर्ज करने में 18 घंटे की देरी से संकेत मिलता है कि यह संभवतः बाद में किया गया निर्णय था।
अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व के.जी. वेखंडे ने किया, जबकि आरोपी की ओर से अधिवक्ता अमरेश जाधव उपस्थित हुए।
भाषा यासिर दिलीप
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