कोलकाता, 26 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘विद्रोही’ कवि काजी नजरुल इस्लाम को सोमवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह ‘‘संकट के समय में खड़े रहने वाले दिग्गज’’ थे।
बनर्जी ने बताया कि उनकी सरकार ने कवि के नाम पर अंडाल में एक ‘ग्रीनफील्ड’ हवाई अड्डे का नाम रखा है और उनकी याद में एक विश्वविद्यालय भी स्थापित किया है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम को उनकी जयंती पर मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘हमने कवि की याद में उनके नाम पर उनके जन्मस्थान के पास आसनसोल में काजी नजरुल विश्वविद्यालय का नाम रखा और उस क्षेत्र में हमने अंडाल में अपने ‘ग्रीनफील्ड’ हवाई अड्डे का नाम भी काजी नजरुल इस्लाम हवाई अड्डा रखा है।’’
राज्य सरकार ने बांग्ला साहित्य में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए कोलकाता के पूर्व में स्थित ‘न्यू टाउन’ में एक सांस्कृतिक केंद्र ‘नजरुल तीर्थ’ और ‘पश्चिम बंगाल काजी नजरुल इस्लाम अकादमी’ को कवि को समर्पित किया है।
बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘हमने कवि पर कई शोध पुस्तकें प्रकाशित की हैं। वह हमारे हमेशा याद किए जाने वाले, संकट के समय में खड़े रहने वाले कवि हैं।’’
काजी नजरुल इस्लाम का जन्म 1899 में हुआ था और उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि के रूप में मान्यता प्राप्त है।
वह एक ऐसे कवि और संगीतकार थे जिन्होंने फासीवाद और उत्पीड़न के खिलाफ तीव्र आध्यात्मिक विद्रोह को बढ़ावा देने वाली काव्य रचनाएं कीं। उन्होंने लगभग 4,000 गीतों (ग्रामोफोन रिकॉर्ड सहित) के लिए संगीत दिया जिन्हें सामूहिक रूप से ‘नजरुलगीती’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भाईचारे की भी वकालत की।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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