कोलकाता, 24 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को नयी दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में शामिल नहीं हुईं। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि बनर्जी की अनुपस्थिति का कारण अभी तक अज्ञात है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक निवेशकों की भारत में रुचि है और राज्यों को नीतिगत बाधाओं को दूर करके निवेश आकर्षित करने के लिए इस अवसर का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि केंद्र सरकार और राज्य मिलकर ‘टीम इंडिया’ की तरह काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच पहला अहम संवाद था।
शनिवार शाम तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी कि बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व था या नहीं।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने बैठक में राज्य की भागीदारी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से राज्य सरकार का मामला है। हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री या राज्य सरकार जब इस पर बयान जारी करना चाहेंगे, तब वे जारी करेंगे।’’
घोष ने पार्टी नेता शशि पांजा के साथ मिलकर राज्य को कथित रूप से देय धनराशि रोके रखने के लिए केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की।
मोदी ने सहकारी संघवाद का आह्वान किया और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्र और राज्यों को ‘टीम इंडिया’ के तौर पर मिलकर काम करने पर जोर दिया।
घोष ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर कहा, ‘‘उन्हें हाथ से हाथ मिलाकर काम करने की बात नहीं करनी चाहिए। अगर ऐसा है, तो वे बंगाल सरकार को लंबे समय से देय राशि क्यों जारी नहीं कर रहे हैं? आप कर के रूप में बंगाल से धन ले रहे हैं और राज्य को उसका हक नहीं दे रहे हैं।’’
भाषा धीरज आशीष
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