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Saturday, 18 May, 2024
होमदेशगौ संरक्षण में लापरवाही के कारण योगी सरकार ने डीएम समेत पांच अधिकारियों को किया निलंबित

गौ संरक्षण में लापरवाही के कारण योगी सरकार ने डीएम समेत पांच अधिकारियों को किया निलंबित

महराजगंज के जिलाधिकारी, दो एसडीएम तथा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व पशु चिकित्सा अधिकारी को निलंबित किया गया है.

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लखनऊ/महाराजगंज: उत्तर प्रदेश में गौ संरक्षण को बढ़ावा देने का दावा करने वाली योगी सरकार अब एक्शन मोड में दिख रही है. यही कारण है कि गौ संरक्षण में लापरवाही बरतने के शिकायत के कारण महाराजगंज के डीएम समेत 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने ये कार्रवाई की.

आरके तिवारी ने मीडिया को बताया कि इस मामले में जिलाधिकारी महराजगंज अमरनाथ उपाध्याय, तत्कालीन उप- जिलाधिकारी निचलौल देवेंद्र कुमार, उप जिलाधिकारी निचलौल सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव उपाध्याय व उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वीके मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ ही अनुशासनिक जांच का निर्देश दिया गया है.

2.5 हजार के बजाए मिले 900 गोवंश

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस प्रकरण में बताया कि गौ संरक्षण और संवर्धन में इन अधिकारियों की बड़ी अनियमितता सामने आई है. महराजगंज जिले के मधुबलिया गो सदन (गौशाला) में गौवंश के रखरखाव में अनियमितता के चलते जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारी निलंबित किये गए है. जांच में पता चला कि अभिलेखों के अनुसार यहां पर 2500 गो वंश होना चाहिये था. वहां पर स्थलीय निरीक्षण में मात्र 900 गो वंश पाए गए. यह काफी गंभीर अनियमितता है.


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जांच समिति ने पाया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी वजह स्पष्ट नहीं की. वहीं संख्या कम होने के बावजूद यहां पर चारा या अन्य व्यय में कोई कमी नहीं थी. पशुपालन विभाग का यहां 500 एकड़ जमीन का कब्जा था, जबकि समिति ने गैरकानूनी ढंग से 380 एकड़ जमीन निजी व्यक्ति को लीज पर दे दी गई थी. इसकी ना किसी से अनुमति ली गई ना ही कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई. यह भी एक गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है.जांच में पाया गया कि चारे एवं जानवरों के रखरखाव के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए जानबूझकर गोवंशीय पशुओं की संख्या ज्यादा दिखायी गयी थी.

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मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि अपर आयुक्त गोरखपुर मंडल की अध्यक्षता में एक कमेटी ने जांच की थी. जिसमें उस कमेटी ने रिपोर्ट दी है कि कोई भी स्थानीय अधिकारी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके. उनकी जांच में किसी भी अधिकारी ने जिम्मेदारी नहीं ली और संतोषजनक रूप से जिले के अधिकारियों ने कार्य नहीं किया. गौवंश की संख्या में कमी के बावजूद उस पर होने वाले व्यय में कोई कमी नहीं की गई. इससे पता चलता है कि इसमें गंभीर अनियमितता की गई है.

गौ सरंक्षण में अनियमितता के मामले में निलंबित महराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है. नगर आयुक्त प्रयागराज के पद पर काम कर रहे डॉ. उज्ज्वल को जिलाधिकारी महराजगंज के पद पर तैनाती मिली है. बता दें कि गौ संरक्षण में लापरवाही के मामले ये योगी सरकार की अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.

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