नागपुर, 11 जुलाई (भाषा) नागपुर में इस साल 17 मार्च को हुए दंगे के सिलसिले में गिरफ्तार कथित मुख्य आरोपी माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नगर प्रमुख फहीम खान को शुक्रवार को यहां की अदालत ने जमानत दे दी।
नागपुर शहर में 17 मार्च 2025 को तब हिंसा भड़क गई जब यह अफवाह फैली कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेतृत्व में किये गए विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चादर जलाई गई जिस पर आयतें लिखी थीं।
इस अफवाह के बाद शहर के कई हिस्सों में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसमें तीन पुलिस उपायुक्तों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
खान पर गणेशपेठ थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और उकसावे तथा गैरकानूनी सभा से संबंधित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
खान के वकील अश्विन इंगोले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिला न्यायाधीश अजय कुलकर्णी ने उनके मुवक्किल को एक लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत देते हुए निर्देश दिया कि वह हर मंगलवार और शुक्रवार को पुलिस थाने में उपस्थित होंगे।
वकील ने बताया कि खान के सोमवार को जेल से रिहा किये जाने की संभावना है। उसे तहसील पुलिस और साइबर पुलिस थानों द्वारा दंगों के संबंध में दर्ज दो अन्य प्राथमिकियों में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
इंगोले ने बताया कि उनके मुवक्किल को इस मामले में जमानत दे दी गई है, क्योंकि आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है और मुकदमा शुरू हो चुका है।
अभियोजक नितिन तेलगोटे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि खान को समानता के आधार पर जमानत मिली है (जैसा कि अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है) और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
भाषा धीरज वैभव
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