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सोमवार, 2 जून, 2025
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महाराष्ट्र के शीर्ष जेल अधिकारी को हगवणे मामले में नाम आने पर अतिरिक्त प्रभारों से मुक्त किया गया

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मुंबई, 30 मई (भाषा) वैष्णवी हगवणे दहेज उत्पीड़न एवं हत्या मामले में महाराष्ट्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जलिंदर सुपेकर का नाम सामने आने पर उन्हें नासिक, छत्रपति संभाजीनगर और नागपुर संभागों के जेल उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के अतिरिक्त दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है।

सुपेकर महाराष्ट्र जेल विभाग में विशेष पुलिस महानिरीक्षक थे। इस विभाग का मुख्यालय पुणे में है। उनके पास नासिक, छत्रपति संभाजीनगर और नागपुर संभागों के डीआईजी का अतिरिक्त प्रभार भी था।

महाराष्ट्र के गृह विभाग ने बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा कि जेल विभाग में डीआईजी का पद ‘‘महत्वपूर्ण’’ एवं ‘‘जिम्मेदारियों’’ से भरा है और सुपेकर को ‘‘इन पदों के महत्व को देखते हुए’’ उनके अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जा रहा है।

इसमें कहा गया है कि पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारी को तीन पदों का अतिरिक्त प्रभार देना प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुसार ‘‘उचित’’ नहीं था।

आदेश में कहा गया है कि नागपुर संभाग के जेल उप महानिरीक्षक का अतिरिक्त प्रभार स्वाति साठे को सौंपा गया है, जो पुणे में डीआईजी कारागार हैं।

आदेश में कहा गया है कि नासिक रोड केंद्रीय कारागार की अधीक्षक अरुणा मुगुतराव को नासिक संभाग की डीआईजी जेल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जबकि नागपुर केंद्रीय कारागार के अधीक्षक वैभव आगे को छत्रपति संभाजीनगर संभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

राज्य सरकार ने अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जेल को इन आरोपों की जांच करने के लिए कहा था कि सुपेकर वैष्णवी हगवणे दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या मामले में आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे।

वैष्णवी हगवणे ने 16 मई को पुणे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उसके परिजन ने आरोप लगाया है कि वैष्णवी के ससुराल वालों और अन्य लोगों ने दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया था। मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आने के बाद वैष्णवी के ससुर राजेंद्र हगवणे को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया था। सुपेकर वैष्णवी के पति शशांक के रिश्तेदार हैं।

भाषा

सिम्मी मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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