मुंबई, 31 अगस्त (भाषा) मुंबई के आजाद मैदान में महिला पत्रकारों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किये जाने के बाद ‘टीवी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन’ ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से उनके समर्थकों के खिलाफ शिकायत की।
पत्रकार संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर ऐसी घटनाएं जारी रहीं तो मीडिया मराठा कोटा आंदोलन का बहिष्कार करेगा।
पत्रकार संघ ने जरांगे को लिखे एक पत्र में कहा कि पिछले कई दिनों से पत्रकार उनके आंदोलन की रिपोर्टिंग कर रहे हैं लेकिन महिला पत्रकारों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोके जाने सहित दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आई हैं।
इसने जरांगे से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मीडिया का अनादर न हो।
विधानपरिषद की सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य महिला शाखा की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कथित दुर्व्यवहार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, “क्या महिला पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को छत्रपति शिवाजी महाराज का अनुयायी कहा जा सकता है? वे (महिला पत्रकार) महाराष्ट्र की बेटियां हैं। अगर छत्रपति शिवाजी महाराज जीवित होते, तो वह ऐसा व्यवहार करने वालों को दंडित करते।”
वाघ ने कहा, “यह क्या बात है कि गांव के लड़के इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं? कृपया छत्रपति शिवाजी महाराज और माता जीजाऊ का नाम न लें, जो पूरे देश में पूजनीय हैं। ऐसा आचरण और ऐसे शब्द उन्हें बिल्कुल अस्वीकार्य हैं। जय जीजाऊ, जय शिवाजी, जय महाराष्ट्र।”
मुंबई प्रेस क्लब ने भी विरोध प्रदर्शन से जुड़ी रिपोर्टिंग कर रही महिला पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के साथ दुर्व्यव्यहार की निंदा की।
जरांगे ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राकांपा(एसपी) सांसद सुप्रिया सुले के पहुंचने के बाद, दोपहर में नारेबाजी कर रहे आरक्षण समर्थकों द्वारा उन्हें घेर लिए जाने और पत्रकारों का मजाक उड़ाने का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थल पर आने वाले सभी लोगों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए।
उन्होंने मीडिया कर्मियों से यह भी कहा कि वे इस तथ्य पर विचार करें कि प्रदर्शनकारी राज्य के ग्रामीण इलाकों के गरीब परिवारों से आते हैं।
भाषा जितेंद्र सुभाष
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