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मंगलवार, 3 जून, 2025
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महाराष्ट्र: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष चाकणकर और एमवीए नेताओं के बीच वार-पलटवार

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मुंबई, तीन जून (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता सुषमा अंधारे और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर के बीच मंगलवार को जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुआ। इसके पहले पुणे में एक राजनेता के परिवार से संबंधित दहेज से जुड़े आत्महत्या के मामले को लेकर रूपाली को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और उनसे इस्तीफे की मांग की गई थी।

अंधारे ने चाकणकर की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई कि विपक्ष मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें और आयोग को निशाना बना रहा है।

शिवसेना (उबाठा) नेता ने मजाकिया अंदाज में पूछा, ‘‘क्या रूपाली चाकणकर (अभिनेत्री) रश्मिका मंदाना या (पूर्व केंद्रीय मंत्री) स्मृति ईरानी हैं? वह कौन हैं, जिनकी आलोचना करके हमें प्रचार मिलेगा?’’

विपक्षी महाविकास आघाडी (एमवीए) के प्रतिनिधिमंडल ने यहां राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से मुलाकात की जिसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए अंधारे ने कहा, ‘‘आखिर चाकणकर कौन हैं – एक राजनीतिक नेता, एक बॉलीवुड हस्ती या एक प्रशासनिक विशेषज्ञ हैं? कुछ लोग गंभीर भ्रम में रहते हैं। उन्हें इस तरह के भ्रम से बाहर आना चाहिए।’’

विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि चाकणकर के नेतृत्व में आयोग महिलाओं की शिकायतों को दूर करने में विफल रहा है, खासकर पुणे जिले के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से निष्कासित नेता की बहू वैशाली हगवणे के मामले में।

वैशाली हगवणे ने पिछले महीने कथित तौर पर अपने ससुराल वालों और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी।

अंधारे ने आरोप लगाया कि चाकणकर जिस पद पर हैं उसके के लिए आवश्यक कानूनी ज्ञान की उनके पास कमी है। उन्होंने दावा किया, ‘‘हमें आयोग का नेतृत्व करने के लिए पूर्णकालिक, योग्य व्यक्ति की आवश्यकता है। वर्तमान अध्यक्ष को कानूनी शब्दावली भी समझ में नहीं आती है।’’

क्या एमवीए प्रतिनिधिमंडल ने राधाकृष्णन के साथ अपनी बैठक में चाकणकर के इस्तीफे की विशेष रूप से मांग की थी? इस सवाल पर शिवसेना (उबाठा) नेता ने जवाब दिया, ‘‘हमने ऐसे तुच्छ मुद्दे के लिए राज्यपाल से संपर्क नहीं किया। हमारी प्राथमिक चिंता वैष्णवी हगवणे का मामला था, जिसमें राजनीतिक हस्तक्षेप के संकेत मिलते हैं।’’

अंधारे ने आरोप लगाते हुए कहा,‘‘हमने पुलिस महानिरीक्षक जलिंदर सुपेकर और उनके रिश्ते के भाई शशिकांत चव्हाण, जो खड़क पुलिस थाने (पुणे शहर में) में पुलिस निरीक्षक हैं, की आय से अधिक संपत्ति की जांच की मांग की। चव्हाण ने हगवणे मामले में आरोपियों के खिलाफ पहले की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया।’’

आलोचना का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा से ताल्लुक रखने वाली चाकणकर ने बताया कि उनकी नियुक्ति एमवीए सरकार के कार्यकाल के दौरान की गई थी।

भाषा संतोष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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