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Monday, 15 December, 2025
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महाराष्ट्र के विस उपाध्यक्ष ने दबाव में असंतुष्ट विधायकों को नोटिस भेजा: श्रीकांत शिंदे

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ठाणे, 27 जून (भाषा) असंतुष्ट शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बेटे और पार्टी सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने उनके पिता तथा 15 अन्य असंतुष्ट विधायकों को दबाव में अयोग्य करार देने का नोटिस भेजा था जो उच्चतम न्यायालय के आदेश से स्पष्ट है।

उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने कहा कि वे किसी भी अवैध कदम के खिलाफ उसका रुख कर सकते हैं।

कल्याण से लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘‘विधानसभा में अध्यक्ष को अधिकार होते हैं। यदि कोई विधानसभा में व्हिप के खिलाफ जाता है तो उन्हें अधिकार हैं। लेकिन यह तब लागू नहीं होता जब कोई किसी बैठक में नहीं आ रहा। यह तुगलकी फरमान दबाव में जारी किया गया था और अदालत ने आज यह साफ कर दिया है।’’

श्रीकांत के पिता और वरिष्ठ शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत का नेतृत्व कर रहे हैं और उनकी अगुवाई में बड़ी संख्या में पार्टी के बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हैं।

दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के स्मारक ‘शक्ति स्थल’ पर श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में श्रीकांत ने कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत को अपनी भाषाशैली देखनी चाहिए।

राउत ने एक दिन पहले ही गुवाहाटी में डेरा डाले असंतुष्ट विधायकों को ‘बिना आत्मा के शरीर’ की संज्ञा दी थी जिस पर विवाद शुरू हो गया।

शिवसेना सांसद ने कहा कि राउत को बोलते समय सावधानी से शब्दों का चयन करना चाहिए क्योंकि वह भी किसी के पिता हैं और उनका परिवार उनकी टिप्पणी देख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। राज्य देख रहा है कि किस तरह वह टिप्पणियां कर रहे हैं। जब किसी को सत्ता हाथ से फिसलती लगती है तो ऐसा होता है।’’

राउत ने रविवार को मुंबई में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘हमने सबक सीख लिया है कि किस पर भरोसा किया जाना चाहिए। वे ऐसे शरीर हैं, जिनकी आत्मा मर चुकी है। उनका मस्तिष्क मर चुका है। 40 शव असम से आएंगे और पोस्टमॉर्टम के लिए सीधे मुर्दाघर भेजे जाएंगे।”

राउत के इस बयान को गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे और अन्य विधायकों के संदर्भ में दिया गया माना जा रहा है।

भाषा

वैभव माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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