मुंबई, 28 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार खनन गतिविधियों की निगरानी और राजस्व बढ़ाने के लिए जल्द ही उन्नत एलआईडीएआर-आधारित ड्रोन तकनीक का उपयोग करेगी, जिसकी शुरुआत पुणे जिले में एक पायलट परियोजना से होगी।
राज्य के राजस्व मंत्री ने कहा कि बजरी, रेत और पत्थर जैसे खनिजों के बड़े पैमाने पर उत्खनन के बावजूद सरकार को अपेक्षित राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘कागज पर दर्ज आंकड़ों और वास्तविक उत्खनन के बीच काफी अंतर है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य ने खनन क्षेत्रों के सटीक मानचित्रण और माप के लिए ‘लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग’ (एलआईडीएआर) तकनीक से लैस ड्रोन उपयोग करने का फैसला किया है।’’
बावनकुले ने हाल ही में इस संबंध में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की। मंत्री ने कहा कि राज्य में खनन राजस्व बढ़ाने के लिए पारदर्शी और तकनीकी समाधान आवश्यक हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘ड्रोन का उपयोग करके खनन क्षेत्र में मौजूद पत्थर या बजरी की मात्रा को सटीकता से मापा जा सकता है। इससे राजस्व बढ़ाने और प्रणाली में अधिक पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि इस तकनीक से अवैध खनन गतिविधियों पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है।
भाषा शफीक संतोष
संतोष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.