ठाणे, 22 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने वर्ष 2017 में हुई डकैती के एक मामले में मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) के तहत आरोपी बनाए गए छह लोगों को अपर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर बरी कर दिया है।
इन सभी आरोपियों पर मकोका और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत नवी मुंबई के एक गोदाम से 91 लाख मूल्य की सिगरेट चोरी करने का आरोप था।
यह आदेश 16 अप्रैल को पारित किया गया था, जिसकी प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।
अदालत ने पुणे जिले के निवासी मुकेश मोहन चौधरी उर्फ राजू राठौड़ (43), सुरेंद्र असलारामजी चौधरी (30), चंपालाल चोगाराम वर्मा (35), रतनलाल नगराम डांगी (38), सुरेश हरिराम चौधरी (35) और तेजस चंपालाल उनचा (43) को बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह डकैती 29 जुलाई 2017 की रात नवी मुंबई स्थित एपीएमसी मार्केट क्षेत्र के एक गोदाम और सिगरेट वितरण केंद्र में हुई थी। इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी और आरोपियों को बरामद की गई सिगरेट की पेटियों और फिंगरप्रिंट साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 457 (रात्रि में घर में घुसपैठ), 380 (चोरी), 120(बी) (आपराधिक साजिश), 411 (चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना), 34 (सामूहिक मंशा) और मकोका की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
विशेष मकोका न्यायाधीश अमित एम. शेटे ने जांच में कई महत्वपूर्ण खामियों की ओर संकेत किया।
उन्होंने कहा कि मुकदमा परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित था और अभियोजन पक्ष व गवाह प्रत्येक साक्ष्य कड़ी को साबित करने में असफल रहे।
अदालत ने कहा कि भले ही अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ पूर्व आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए मकोका की धाराएं लगाई थीं, लेकिन जब भारतीय दंड संहिता के तहत उन्हें संदेह का लाभ दिया गया है तो मकोका के तहत उन्हें बरी करना होगा।
भाषा राखी वैभव
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