मुंबई, पांच जून (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने बृहस्पतिवार को समृद्धि एक्सप्रेसवे को भ्रष्टाचार का ‘अड्डा’ बताया और सरकार से इस परियोजना पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इससे पहले दिन में, एक्सप्रेसवे के बचे हुए 76 किलोमीटर लंबे खंड का उद्घाटन किया, जिससे 701 किलोमीटर लंबा मुंबई-नागपुर कॉरिडोर पूरी तरह चालू हो गया और दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय लगभग 18 घंटे से घटकर आठ घंटे रह जाएगा।
उन्होंने दावा किया, “फडणवीस सरकार समृद्धि एक्सप्रेसवे के अंतिम खंड का उद्घाटन करने के बाद अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन यह परियोजना भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है। मूल रूप से अनुमानित 55,000 करोड़ रुपये की परियोजना लागत बढ़कर 70,000 करोड़ रुपये हो गई।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “15,000 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई लागत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की ओर इशारा करती है।”
सपकाल ने कहा, “अगर सरकार में जरा भी नैतिकता बची है, तो उसे समृद्धि एक्सप्रेसवे परियोजना पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।”
उन्होंने दावा किया कि गायमुख-घोड़बंदर-भयंदर परियोजना से जुड़ी दो निविदाओं में लगभग 3,000 रुपये का भ्रष्टाचार उजागर हुआ था।
सपकाल ने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने मामला उच्चतम न्यायालय में पहुंचने के बाद हाल में निविदाओं को रद्द कर दिया।
उन्होंने कहा, “गायमुख-घोड़बंदर-भयंदर परियोजना की तरह, समृद्धि एक्सप्रेसवे के काम में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। एक्सप्रेसवे मूल रूप से भ्रष्टाचार का एक राजमार्ग है।”
कांग्रेस नेता ने सरकार से श्वेत पत्र के माध्यम से परियोजना का पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत करने की मांग की, जिसमें खर्च की गई राशि, प्रत्येक पुल की लागत, प्रति किलोमीटर निर्माण व्यय, भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को दिया गया मुआवजा, ठेकेदारों को भुगतान, वृक्षारोपण की लागत और टोल के माध्यम से एकत्र किए जा रहे राजस्व का विवरण हो।
उन्होंने यह भी दावा किया कि एक्सप्रेसवे में पहले से ही “खराब” गुणवत्ता के कारण दरारें आ गई हैं।
लगभग 55,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है और 10 जिलों नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, जालना, छत्रपति संभाजीनगर, अहिल्यानगर, नासिक और ठाणे से होकर गुजरता है।
भाषा जितेंद्र सुभाष
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