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Sunday, 16 November, 2025
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महाराष्ट्र: राकांपा (एसपी) ने प्रधान न्यायाधीश गवई पर ‘हमले’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया

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मुंबई, सात अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-शरदचंद्र पवार के नेताओं ने भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई पर एक वकील द्वारा जूता उछालने की कोशिश करने की घटना की निंदा करते हुए मंगलवार को मुंबई व महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि यह संविधान व लोकतंत्र पर हमला है।

सैकड़ों प्रदर्शनकारी हुतात्मा चौक पर एकत्र हुए और बाद में उनमें से कुछ कार्यकर्ताओं ने दक्षिण मुंबई में मंत्रालय के पास डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।

पार्टी के एक कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने पहले हुतात्मा चौक से आंबेडकर प्रतिमा तक रैली निकालने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली।

राकांपा (शरदचंद्र पवार) की राज्य इकाई के प्रमुख शशिकांत शिंदे, पार्टी की मुंबई इकाई की प्रमुख राखी जाधव और अन्य समर्थकों ने प्रधान न्यायाधीश गवई पर ‘हमले’ की निंदा करते हुए नारे लगाए।

प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बाद में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा के सामने बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।

बारामती में विपक्षी दल राकांपा (एसपी) की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के नेतृत्व में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया।

विपक्षी दल ने छत्रपति संभाजीनगर में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया, जहां पार्टी विधायक रोहित पवार के नेतृत्व में समर्थकों ने तख्तियां लेकर डॉ. बीआर. आंबेडकर और संविधान की प्रशंसा में नारे लगाए।

रोहित पवार ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश गवई पर ‘हमला’ संविधान और लोकतंत्र पर हमला करने का एक प्रयास था।

उन्होंने सवाल किया, “यह बेहद निंदनीय घटना है। छोटी-छोटी बातों पर तुरंत ट्वीट करने वाले भाजपा नेताओं ने इस बारे में सात-आठ घंटे बाद ट्वीट किया और वह भी तब, जब जनता का आक्रोश सामने आने लगा। इसे क्या समझा जाए?”

राकांपा (एसपी) के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि यह ‘शर्मनाक’ कृत्य न केवल भारत के प्रधान न्यायाधीश का अपमान है बल्कि हमारे लोकतंत्र को जोड़ने वाले संवैधानिक मूल्यों पर भी हमला है।

उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर अपनी विचारधारा के माध्यम से स्वायत्त संस्थाओं को कमजोर करने और संविधान की जगह मनुस्मृति स्थापित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

वकील राकेश किशोर (71) ने सोमवार को नयी दिल्ली स्थित उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश गवई की अदालत में उनकी ओर जूता उछालने का प्रयास किया, जिसके बाद ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने तत्काल प्रभाव से उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया।

किशोर ने मंच के पास पहुंचने के बाद अपना जूता निकाला और प्रधान न्यायाधीश गवई की ओर उछालने की कोशिश की।

अदालत कक्ष के अंदर मौजूद सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और इस हमले को नाकाम कर दिया।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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