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Monday, 3 March, 2025
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महाराष्ट्र: अल्पसंख्यक आयोग उर्दू माध्यम के स्कूलों में सुधार के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव सौंपेगा

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नागपुर, तीन मार्च (भाषा) महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग जल्द ही राज्य सरकार को एक प्रस्ताव सौंपेगा जिसमें प्रदेश के सभी उर्दू माध्यम विद्यालयों को अर्ध-अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बदलने की अपील की जाएगी। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि आयोग यह भी अनुरोध करेगा की कि उर्दू स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया जाए।

राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अध्यक्ष प्यारे खान ने नागपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के बुद्धिजीवियों, शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों और उर्दू स्कूलों के वकील तथा शिक्षकों के साथ रविवार को एक बैठक की थी।

बैठक के दौरान शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने राज्य के उर्दू माध्यम स्कूलों में लगातार खराब हो रही शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में चिंता जताई, जहां कई छात्र अपना नाम भी नहीं लिख पाते हैं और ये संस्थान अन्य स्कूलों की तुलना में प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पिछड़ जाते हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग यह प्रस्ताव देगा कि सभी उर्दू स्कूलों को अर्ध-अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया जाए और मराठी भाषा की शिक्षा अनिवार्य कर दी जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘90 प्रतिशत उर्दू स्कूलों की हालत खराब है और कई स्कूलों में छात्र अपना नाम भी सही ढंग से नहीं लिख पाते हैं। इसी तरह, कई उर्दू स्कूलों में फर्जी डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है और अनियमितताओं के कारण अल्पसंख्यक छात्रों को पढ़ाई का नुकसान उठाना पड़ रहा है।’’

खान ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कुछ कठोर निर्णय लिए जाने की जरूरत है और सभी को इन बदलावों के लिए तैयार रहना चाहिए तथा सहयोग करना चाहिए।

भाषा प्रीति माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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