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Sunday, 17 November, 2024
होमदेश‘अनिल अंबानी की कंपनी को दिए गए हवाई अड्डों को वापस लेगी महाराष्ट्र सरकार’, डिप्टी CM फडणवीस बोले

‘अनिल अंबानी की कंपनी को दिए गए हवाई अड्डों को वापस लेगी महाराष्ट्र सरकार’, डिप्टी CM फडणवीस बोले

2009 में 30 साल की अवधि के लिए लीज दी गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार इस शर्त पर बकाया चुकाने के बारे में भी सोच रही है कि अंबानी की कंपनी भुगतान करेगी ताकि हवाई अड्डों को फिर से शुरू किया जा सके.

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मुंबई: विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सदन को आश्वासन दिया है कि रिलायंस एयरपोर्ट डेवलपर्स लिमिटेड द्वारा बकाया भुगतान न करने के कारण बंद पड़े हवाई अड्डों को जल्द ही चालू किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सरकार अटॉर्नी-जनरल से कानूनी राय लेगी कि रिलायंस (अनिल धीरूभाई अंबानी) समूह से बकाया कैसे वसूला जाए और क्या सरकार इसके बजाय हवाई अड्डों को अपने नियंत्रण में ले सकती है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार को फड़णवीस ने कहा, “यह सच है कि हमने 2008-09 में कुछ हवाई अड्डे अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी को दे दिए थे. लेकिन अब हालत ऐसी है कि वे इन हवाईअड्डों का रखरखाव नहीं कर रहे हैं, न ही वैधानिक बकाया का भुगतान कर रहे हैं.” 

उन्होंने कहा, “तो अब, हम अटॉर्नी जनरल की राय ले रहे हैं कि क्या बकाया भुगतान न करने के कारण हम उनसे हवाई अड्डों का पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं. दूसरे, हम उन बकाया राशि को इस शर्त पर चुकाने के बारे में भी सोच रहे हैं कि कंपनी हमें वापस भुगतान करेगी ताकि कम से कम इन हवाई अड्डों को फिर से शुरू किया जा सके.”

चव्हाण ने उल्लेख किया कि रिलायंस (एडीए) समूह के तहत पांच हवाई अड्डे हैं और इसके अध्यक्ष अनिल अंबानी ने खुले तौर पर दिवालिया घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि अगले 8-10 दिनों में सरकार को इन हवाई अड्डों को रिलायंस (अनिल धीरूभाई अंबानी समूह) से वापस ले लेना चाहिए. और फिर एयरलाइंस को मुंबई में स्लॉट मिलना चाहिए ताकि कम से कम हर क्षेत्र में अगर एक या दो हवाई अड्डे चालू हों और एयरलाइंस को स्लॉट दिए जाएं, तो महाराष्ट्र में कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा.”

2009 में, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस एयरपोर्ट्स डेवलपर्स को ग्रामीण महाराष्ट्र में लातूर, नांदेड़, यवतमाल, बारामती और उस्मानाबाद में पांच हवाई अड्डे विकसित करने का ठेका दिया गया था. महाराष्ट्र में इन पांच हवाई अड्डों के लिए 30 साल की लीज हासिल करने के लिए कंपनी को 63 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े. लेकिन अंबानी ने 2020 में ब्रिटेन की एक अदालत में दिवालिया घोषित कर दिया.

दिप्रिंट ने इसकी जानकारी के लिए कॉल के माध्यम से रिलायंस (अनिल धीरूभाई अंबानी) समूह से संपर्क किया लेकिन उन्होंने इसपर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

सरकार के अनुसार, महाराष्ट्र में 28 हवाई अड्डे हैं जिनमें से 11 चालू हैं जबकि चार पाइपलाइन में हैं.

राज्य के अन्य महत्वपूर्ण हवाई अड्डों का विवरण देते हुए, फडणवीस ने कहा कि नवी मुंबई हवाई अड्डा पूरा होने वाला है और अगले साल चालू हो जाएगा. फडणवीस ने कहा, “एक बार जब यह हवाईअड्डा शुरू हो जाएगा, तो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी का मुद्दा हल हो जाएगा क्योंकि वर्तमान में मुंबई हवाईअड्डा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए व्यवहार्य स्लॉट देने में सक्षम नहीं है.”

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगले तीन महीनों में एक नोडल एजेंसी बनाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी जो काम को सुव्यवस्थित करने के लिए महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी (एमएडीसी) और महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमआईडीसी) जैसी कई एजेंसियों के मुकाबले एयरपोर्ट कनेक्टिविटी मुद्दे को संभाल सकेगी.

बाद में, कांग्रेस पार्टी के बालासाहेब थोराट ने तीर्थनगरी शिरडी में रात्रि लैंडिंग के संबंध में सवाल उठाया. थोराट ने कहा, “मुझे बताया गया कि रात्रि लैंडिंग परीक्षण अप्रैल में किया गया था. तो, यह अभी तक चालू क्यों नहीं है?” 

उन्होंने कहा, “कुछ तकनीकी कारणों से विमानों की रात्रि लैंडिंग शुरू नहीं हुई है, लेकिन इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. शिरडी हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन के लिए 650 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.”

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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